Congress On Manipur Violence: कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने मणिपुर की स्थिति को लेकर अमेरिकी राजदूत की कथित टिप्पणी को लेकर शुक्रवार (7 जुलाई) को पूछा कि क्या एरिक गार्सेटी को तलब कर विदेश मंत्री एस जयशंकर यह कहेंगे कि मणिपुर के मामले में अमेरिका की कोई भूमिका नहीं है.


पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि मणिपुर का मामला भारत की अंदरूनी चुनौती है और इससे भारत के लोगों को ही संवेदनशीलता और दृढ़ता से निपटना होगा.


उन्होंने ट्वीट कर पूछा, ‘‘क्या विदेश मंत्री एस जयशंकर अमेरिकी राजदूत को तलब करके उन्हें स्पष्ट शब्दों में कहेंगे कि मणिपुर मामले में अमेरिका की कोई भूमिका नहीं है? मणिपुर में शांति और सद्भाव वापस लाने की जिम्मेदारी विशेष रूप से केंद्र सरकार, राज्य सरकार, सिविल सोसाइटी और राज्य के राजनीतिक दलों की है.’’


पीएम मोदी चुप और गृहमंत्री निष्फल रहे- जयराम रमेश
जयराम रमेश ने आगे कहा, ‘‘प्रधानमंत्री चुप हैं और गृहमंत्री निष्फल रहे हैं. इसका मतलब यह नहीं है कि यहां किसी अन्य देश के लिए कोई अवसर है. यह भारत की चुनौती है और इससे हम भारतीयों को ही संवेदनशीलता और दृढ़ता से निपटना होगा.’’






क्या कहा था राजदूत गोर्सेटी ने?
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, गार्सेटी ने गुरुवार (6 जुलाई) को कोलकाता में कहा था कि मणिपुर में हिंसा और हत्या ‘मानवीय चिंता’ का विषय हैं और अगर अमेरिका से कहा जाता है तो वह स्थिति से निपटने के लिए भारत का सहयोग करने को तैयार है.


एरिक गार्सेटी की टिप्पणी पर मनीष तिवारी का रिएक्शन  
पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि अतीत में भारत के आंतरिक मामलों पर किसी अमेरिकी राजदूत की ओर से ऐसी टिप्पणी नहीं सुनी गई जैसी अमेरिका के वर्तमान राजदूत एरिक गार्सेटी ने मणिपुर की स्थिति को लेकर कथित तौर पर की है.


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