Jairam Ramesh on Notice: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे एवं पार्टी महासचिव जयराम रमेश के बीच एक वीडियो के लेकर विवाद हो गया है. नितिन गडकरी ने कांग्रेस के दोनों दिग्गज नेताओं को एक लीगल नोटिस यानी कानूनी नोटिस भेजा है. ये नोटिस गडकरी के एक वीडियो से जुड़ा हुआ है, जिसे कांग्रेस के ऑफिशियल एक्स हैंडल से शेयर किया गया था. गडकरी ने कहा है कि वीडियो के जरिए भ्रम फैलाने का प्रयास हुआ है.


वहीं, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी अब इस कानूनी नोटिस को लेकर जवाब दिया है. पार्टी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा लेकर राजस्थान के धौलपुर पहुंचे जयराम रमेश से जब नितिन गडकरी के जरिए भेजे गए कानूनी नोटिस को लेकर सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा, 'हमें नोटिस आया है, हम इसका जवाब देने वाले हैं.' गडकरी ने दोनों नेताओं को नोटिस इसलिए भेजा है, क्योंकि पार्टी मुखिया खरगे हैं, जबकि कम्युनिकेशन डिपार्टमेंट का जिम्मा जयराम रमेश के पास है. 


जयराम रमेश ने क्या कहा? 


कांग्रेस नेता जयराम ने कहा, 'मैंने भी लीगल नोटिस को पढ़ा है. उसका हम सही जवाब देंगे. हमने कोई गलती नहीं की है. उन्हीं के बयान, उन्हीं के वक्तव्य का, उन्हीं के शब्दों का इस्तेमाल किया है. वह क्यों परेशान हैं, मैं ये बात नहीं समझ सकता हूं. इसलिए हमने कोई गलती नहीं की है, हम नोटिस का जवाब देंगे. बेचारे परेशान हैं.'






गडकरी ने नोटिस में क्या कहा? 


केंद्रीय मंत्री ने अपने नोटिस में कहा है कि कांग्रेस को उनके 19 सेकंड के वीडियो को तुरंत अपने ऑफिशियल हैंडल से हटाना चाहिए. इसके अलावा दोनों नेताओं को तीन दिनों के भीतर लिखित में उनसे माफी भी मांगनी चाहिए. इसमें कहा गया है कि अगर ऐसा नहीं किया जाता है, तो फिर कानूनी उपायों का सहारा लिया जाएगा. गडकरी के वकील बालेंदु शेखर का कहना है कि इस वीडियो को इसलिए शेयर किया गया है, ताकि बीजेपी में अंतर्कलह पैदा की जा सके. 


वीडियो को लेकर क्यों मचा है बवाल? 


दरअसल, कांग्रेस ने नितिन गडकरी ने हाल ही में यूट्यूब चैनल लल्लनटॉप को इंटरव्यू दिया, जिसमें उन्होंने देश की स्थिति को लेकर बात की. कांग्रेस ने इस इंटरव्यू के 19 सेकेंड के एक हिस्से को शेयर करते हुए लिखा, 'आज गांव, मजदूर और किसान दुखी हैं. गांव में अच्छी सड़कें नहीं हैं, पीने के लिए पानी नहीं है, अच्छे अस्पताल नहीं हैं, अच्छे स्कूल नहीं हैं- मोदी सरकार के मंत्री नितिन गडकरी.' गडकरी का कहना है कि उनकी बात को बिना संदर्भ बताए शेयर किया गया है. 


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