Congress On Aurangzeb: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के सर्जिकल स्ट्राइक पर दिए बयान को लेकर एक टीवी न्यूज चैनल पर बहस चल रही थी. इस दौरान कांग्रेस प्रवक्ता आचार्य प्रमोद कृष्णन ने औरंगजेब को लेकर बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि हिंदू संस्कृति और सनातन संस्कृति सत्य के ऊपर आधारित होती है. हमारी संस्कृति को मिटाने के बहुत प्रयास किए गए, लेकिन नहीं मिट पाई.


कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, "800 साल मुगलों ने राज किया, हमारी संस्कृति को मिटाने की कोशिश की, लेकिन हम नहीं मिटे... दूसरी बात है हमारा आदर्श औरंगजेब नहीं है. हमारे हीरो चंगेज नहीं है और न ही हमारा आइडल कोई अंग्रेज है. हमारे आदर्श महाराणा प्रताप, शिवाजी हैं. हमारे आइडल सुभाष चंद्र बोस हैं. हिंदू किसी से नहीं डरता और अगर डरता है तो सिर्फ परमात्मा है. हिंदू संस्कृति को कुचलने की कोशिश की गई है."


औरंगजेब पर कहां से शुरू हुआ विवाद


दरअसल, औरंगजेब को लेकर विवाद महाराष्ट्र से शुरू हुआ. विधानसभा में NCP नेता अजित पवार ने कहा था कि छत्रपति संभाजी महाराज 'धर्मवीर' (धर्म के रक्षक) नहीं थे, जिसको लेकर महाराष्ट्र में एतिहासिक शख्सियतों को लेकर विवाद बढ़ गया. वहीं नेशनल कांग्रेस पार्टी के नेता जितेंद्र आव्हाड (Jitendra Awhad) ने कहा कि मुगल बादशाह औरंगजेब (Aurangzeb) हिंदू विरोधी नहीं था. 


'अगर औरंगजेब हिंदू द्वेषी होता तो...'


आव्हाड ने कहा कि छत्रपति संभाजी सरदेसाई वाडा, संगमेश्वर में थे. उन्होंने कहा कि औरंगजेब को यह सूचना किसने दी? यहीं पर असली इतिहास निहित है. जितेंद्र ने बताया कि उसे बहादुरगढ़ लाया गया, जहां उसकी आंखें निकाल दी गईं. उन्होंने बताया कि बहादुरगढ़ किले के करीब एक विष्णु मंदिर था, अगर औरंगजेब हिंदू द्वेषी होता तो वह विष्णु मंदिर को भी तोड़ देता. 


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