नई दिल्ली: सोमवार 15 जून को पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिसंक झड़प में एक कर्नल समेत भारत के 20 जवान शहीद हो गए. शहीद जवानों में सबसे ज्यादा बिहार रेजीमेंट के सैनिक हैं.


इस खूनी झड़प में बिहार रेजीमेंट के '16 बिहार यूनिट' के 12 सैनिक और '12 बिहार यूनिट' का एक जवान शहीद हुआ. वहीं मेडिकल रेजीमेंट के दो सैनिक, जाब रेजीमेंट के तीन सैनिक, फील्ड रेजीमेंट का एक सैनिक और 81 एमबीएससी का एक सैनिक वीरगति को प्राप्त हुआ.


शहीद हुए सैनिकों के नाम


बिहार रेजीमेंट के '16 बिहार यूनिट' के 12 सैनिक- सिपाही कुंदन कुमार, सिपाही अमन कुमार, नायक दीपक सिंह, सिपाही चंदन कुमार, सिपाही गणेश हरदा, सिपाही गमेश राम, सिपाही केके ओझा, सिपाही केके प्रधान, नायक सूबेदार नंदू राम सोरेन, हवलदार सुनील कुमार, हवलदार बुपुल राय और कर्नल बी संतोष बाबू.


बिहार रेजीमेंट के '12 बिहार यूनिट' का एक जवान- सिपाही जय किशोर सिंह.


मेडिकल रेजीमेंट के दो सैनिक सतनाम सिंह और मंदीप सिंह.


फील्ड रेजीमेंट का एक सैनिक हवलदार के पलानी.


पंजाब रेजीमेंट के तीन सैनिक- गुरतेज सिंह, अंकुश और गुरविंदर सिंह.


81 एमबीएससी का एक सैनिक- राजेश उरांव.


हैदराबाद में होगा शहीद कर्नल संतोष बाबू का अंतिम संस्कार


LAC पर हुई खूनी झड़प में शहीद हुए कर्नल संतोष बाबू का पार्थिव शरीर आज हैदराबाद पहुंचेगा. बताया जा रहा है कि उनका शव शाम चार बजे तक हैदराबाद पहुंच जाएगा. शहीद कर्नल की पत्नी और बच्चे दिल्ली से हैदराबाद पहुंच गए हैं.


शहीद कर्नल के पिता बी उपेंदर ने कहा, 'संतोष सिर्फ 37 साल का था, उसके सामने एक सुनहरा भविष्य था. एक पिता होने के नाते मैं भले दुखी हूं, लेकिन एक भारतीय नागरिक होने के नाते मुझे अपने बेटे पर गर्व है.'


शहीद संतोष बाबू की मां ने कहा कि मुझे संतोष की शहादत पर गर्व है. वह देश के लिए कुर्बान हुआ है. हालांकि, मैं अंदर से दुखी भी हूं, क्योंकि वह मेरा इकलौता बेटा था.


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