भोपालः मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पत्नी साधना सिंह पर कविता चुराने का आरोप लगा है. यह आरोप भूमिका बिरथरे नाम की एक लड़की ने लगाया है. भूमिका का कहना है कि उसने अपने पिता की याद में एक कविता लिखी थी, जिसे उसने 21 नवंबर को सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था. लेकिन शिवराज सिंह चौहान की पत्नी साधना सिंह ने एक-दो शब्दों को बदलकर इसे अपनी कविता बताकर पोस्ट कर दिया.

जिस कविता को लेकर विवाद हो रहा है उसे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने भी अपनी पत्नी साधना की कविता बताकर शेयर कर दिया था. सीएम ने कविता पोस्ट करते हुए लिखा था कि, उनकी पत्नी साधना ने अपने पिता, जिनकी कुछ दिनों पहले मृत्यु हो गई थी, उनकी याद में यह कविता लिखी है,.

सीएम शिवराज ने इस कविता को किया था पोस्ट

बाऊजी जिसके कंधे पे बैठकर घूमा करती थी... उसे कंधा देकर आयी हूं...

उसके माथे को चूमकर, जिंदगी की नसीहतें लेकर आयी हूं...

उसने सिखाया ही नहीं सर को झुकाना और शरमाना मुझे

तो जो सिखाया था... बस उसे जीकर आयी हूं..

जब उसे ले जा रही थी तब समंदर था आंखों में मेरी...

अब घर लौटी हूं तो सारा समंदर पीकर आयी हूं...

मेरे गालों पर हर अश्क नागवारा था उसे....

तो बस उसी के लिए... ये जख्म भी सीकर आयी हूं...

मैं परी थी उसकी... अब वो मेरा फरिश्ता रहेगा

जाते हुए भी ये वादा उससे लेकर आयी हूं...

उसकी देह को छोड़ आयी हूं उसकी खुशी के लिए...

पर उसकी आत्मा को अपने लिए सहेजकर लायी हूं...

शब्दों में फेरबदल कर कविता के साथ न करें अन्याय

गौरतलब है कि भूमिका बिरथरे ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पत्नी साधना सिंह पर इसी कविता को चुराने का आरोप लगाया है. भूमिका का दावा है कि इस कविता को उन्होंने लिखा है. भूमिका ने उनकी कविता में शब्दों के फेरबदल पर भी नाराजगी जताई है. उनका कहना है कि वह अपने पिता को डैडी कहती थी, लेकिन ,सोशल मीडिया पर कुछ लोग उनकी कविता को बाबूजी, बाऊजी या पापा जैसे शब्दों के साथ शेयर कर रहे हैं. भूमिका ने अपील की है कि उनके द्वारा पिता की याद में लिखी गई कविता के शब्द बेहद व्यक्तिगत हैं और उनमें फेरबदल किए जाने से उनकी भावनाओं को ठेस पहुंची है. इसलिए इसे तोड़-मरोड़कर कविता के साथ अन्याय न करें.

'कविता' विवाद पर राजनीति शुरू

कविता चुराने को लेकर हो रहे विवाद पर राजनीति भी शुरू हो गई है. बता दें कि कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव ने कहा है कि बीजेपी तो नाम बदलने में माहिर है यह बात फिर उजागर हो गई. पहले कांग्रेस की योजनाओं के नाम बदलते थे, फिर शहरों के नाम बदलने लगे और हद तो देखिए कि शिवराज सिंह अब दूसरों की लिखी हुई कविता को अपनी धर्पमत्नी की कविता बताकर शेयर कर रहे हैं. वाह शिवराज जी वाह

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