भोपाल: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि फिल्म ‘पद्मावत’ को रोकने का फैसला उन्होंने ही किया था. शिवराज ने कहा कि उसे रोकने के दौरान जिन नौजवानों पर मुकदमें दर्ज हुए उसे वापस लिया जाएगा. इसके साथ ही पद्मावती की जीवनी को सिलेबस में शामिल किया जाएगा.


शिवराज सिंह चौहान ने कहा, “पद्मावती जी पर जो विवादात्मक फिल्म थी उसको रोकने का फैसला तो मैंने ही किया था. उसे रोकते समय हमारे नौजवानों पर जो मुकदमें दर्ज़ हुए हैं, उन्हें वापस लिया जाएगा. पद्मावती के जीवन की शौर्य गाथा को अगले सत्र की पाठ्य पुस्तक में सम्मिलित किया जाएगा.”


वहीं अपने ट्वीट में उन्होंने कहा, “महारानी पद्मावती के जीवन की शौर्य गाथा को अगले सत्र की पाठ्य पुस्तक में सम्मिलित किया जाएगा. इसके अलावा 'महाराणा शौर्य पुरुस्कार' और 'पद्मिनी पुरुस्कार' प्रतिवर्ष मध्यप्रदेश सरकार की ओर से प्रदान किया जाएगा. पुरस्कार स्वरूप दो लाख रुपये नगद राशि प्रदान की जाएगी.”


अपने एक और ट्वीट में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, “भोपाल के मनुआभान की टेकरी पर महारानी पद्मावती के स्मारक के लिए मैंने भूमि आरक्षित की है, वहां भव्य स्मारक बनाया जाएगा. समाज के पदाधिकारियों का एक प्रतिनिधि मंडल बने, जो स्मारक के स्वरूप की रूपरेखा बनाएं, ताकि हम सबकी अपेक्षा के अनुरूप उनका स्मारक बन सके.”


फिल्म ‘पद्मावत’ साल 2018 में आई थी. तब इस फिल्म को लेकर विवाद हुआ था. बाद में इसका नाम बदला गया. पहले ‘पद्मावती’ नाम था. करनी सेना जैसे संगठनों ने ये आरोप लगाया था कि एतिहासकि तथ्यों के साथ छेड़छाड़ की गई थी. देश के अलग-अलग हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए थे.


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