नई दिल्ली: नासिक से आए करीब 30 हजार किसानों का आंदोलन खत्म हुआ. सीएम देवेंद्र फडणवीस से मीटिंग के बाद सुलह का रास्ता निकला. कर्जमाफी से लेकर दूसरे वादों को भी पूरा करने का फडणवीस सरकार ने भरोसा दिया है. तो साथ ही आदिवासियों की जमीन भी उनके नाम की जाएगी. इन सबके लिए कमेटी का गठन होगा.

बता दें कि महाराष्ट्र में 30 हजार से अधिक किसान कर्जमाफी की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं. इस बीच आज किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल राज्य सरकार की ओर से गठित कमेटी से मिलने महाराष्ट्र विधानसभा पहुंचा. मुख्यमंत्री और किसानों के बीच बातचीत के बाद सरकार ने कहा है बैठक सकारात्मक रही. सरकार ने दावा किया कि किसानों ने आंदोलन वापस ले लिया है. महाराष्ट्र सरकार में मंत्री गिरीश महाजन के मुताबिक छह महीने में वन ज़मीन किसानों के नाम पर की जाएगी. इसके लिए राज्य को मंत्रियों की समिति गठीत की जाएगी. क़र्ज़ माफ़ी, हामी दाम के मुद्दों पर भी हल निकाला गया है.

क्या है किसानों की प्रमुख मांगें

- किसानों का बिना शर्त पूरा कर्ज माफ हो - किसानों की मिले फसल का डेढ़ गुना भाव - स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को किया जाए लागू - कपास के कीड़े और ओलावृष्टि से हुए नुकसान के कारण किसानों को मिले हर एकड़ पर 40 हजार रुपये का मुआवजा - किसानों का बिजली का बिल माफ किया जाए - फसल का उचित दाम मिले. पेंशन मिलने सहित किसानों की कुल 11 मांगें हैं जिले लेकर ये मोर्चा निकला गया है.

किसानों की मांग का विपक्ष कर रहा है समर्थन

किसानों के इस आंदोलन को विपक्ष का समर्थन मिल रहा है. शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के बेटे और युवा सेना के अध्यक्ष आदित्य ठाकरे ने किसानों से मुलाकात की और उनसे उनकी मांगों के बारे में बातचीत की. वहीं एमएनएस के राज ठाकरे भी किसानों से मिले. वहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘मुंबई में किसानों का जनसैलाब जनता की ताकत का अद्भुत उदाहरण है. कांग्रेस पार्टी केंद्र और राज्य सरकार के निष्ठुर रवैये के खिलाफ किसानों और आदिवासियों के संघर्ष में उनके साथ खड़ी है. प्रधानमंत्रीजी और मुख्यमंत्रीजी को अपने अहं को भूलकर उनकी जायज़ मांगों को मानना चाहिए.’’