नई दिल्ली: कांग्रेस सरकार के 'पढ़ो पंजाब और पढ़ाओ पंजाब' कार्यक्रम के तहत कक्षा 9 और कक्षा 10 के छात्रों के लिए राज्य में पहली बार आयोजित बेसलाइन परीक्षा के नतीजों में चौकाने वाला खुलासा हुआ है. इंडियन एक्सप्रेस के खबर के मुताबिक दसवीं कक्षा के 41 प्रतिशत और नौवीं कक्षा के 42 प्रतिशत छात्रों को पंजाब की पहली महिला मुख्यमंत्री का नाम तक नहीं पता. बहुत से छात्रों ने पंजाब की पहली महिला मुख्यमंत्री का नाम उत्तरपुस्तिका में हरसिमरत कौर बादल लिखा है.
वहीं इस टेस्ट में 70 प्रतिशत बच्चे 'मेरा प्रिय खेल' विषय पर अंग्रेजी में 5 वाक्य भी सही नहीं लिख पाए. खबर के मुताबिक कक्षा 10 के 42 फीसदी बच्चों को कर्व्ड सरफेस एरिया का कॉन्सेप्ट नहीं पता था जबकि कक्षा 9 के 80 प्रतिशत बच्चे इस टेस्ट में पाइथागोरस थ्योरम से अंजान थे.
इस टेस्ट में चार विषयों (अंग्रेजी, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान) में बच्चों की परीक्षा ली गई. परीक्षा इसी साल मार्च में ली गई थी और इसका रिजल्ट अब आया है.
इस तरह के नतीजों के लिए राज्य शिक्षा विभाग शिक्षा के अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत 8वीं कक्षा तक किसी को फेल न करने वाली पॉलिसी को जिम्मेदार ठहरा रही है. इस बार नौंवीं कक्षा के 1.65 लाख छात्रों और दसवीं कक्षा के 2.18 लाख छात्रों को बेसलाइन परीक्षा में परीक्षण किया गया था.
मैथ्स के कॉर्डिनेटर निर्मल कौर ने कहा, "नौवीं और दसवी कक्षा के छात्रों ने बेहद खराब नतीजे दिखाएं हैं. उन्हें उनकी कक्षा से नीचे स्तर का सिलेबस दिया गया था लेकिन रिजल्ट बेहद खराब हैं. ऐसा कई कारणों की वजह से हुआ है. जिसमें कक्षा 8 तक फेल न करने की पॉलिसी भी है. साथ ही छात्रों के बीच मैथ्स को लेकर डर भी है जिसपर हम काम कर रहे हैं.''
पंजाब स्कूल शिक्षा के सचिव कृष्ण कुमार ने कहा, 'कक्षा आठवीं तक फेल न करने की नीति इस तरह के परिणाम के लिए जिम्मेदार हैं. जब तक हम पांचवीं और आठवीं कक्षाओं में बोर्ड की परीक्षा लेते थे तब तक हम अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे . आज हालत यह है कि शिक्षक भी हाई स्कूल्स में पोस्टिंग लेने से हिचकिचाते है. उन्हें लगता है कि नौवीं-दसवीं क्लास के बच्चों को मूल बातें सिखानी पड़ेगी.'