नई दिल्ली: कश्मीर के हालात को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाओं पर सुनवाई हुई. इस दौरान चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि जरूरत पड़ी तो वो खुद श्रीनगर जाकर हालात का जायजा लेंगे. सीजेआई की ये टिप्पणी दो बाल अधिकार कार्यकर्ताओं की उस याचिका पर थी, जिसमें 18 साल से कम उम्र के बच्चों को भी हिरासत में रखे जाने का मसला उठाया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को लेकर जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट से रिपोर्ट मांगी है.

क्या मामला है?

दरअसल सुप्रीम कोर्ट में आज दो बाल अधिकार कार्यकर्ताओं ने कश्मीर में 18 साल से कम के बच्चों को भी हिरासत में रखे जाने का मसला उठाया. इस मामले पर जब सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने पूछा कि आप हाई कोर्ट क्यों नहीं गए तो याचिकाकर्ताओं के वकील ने कहा कि जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करना मुश्किल है.

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दावा गलत हुआ तो अंजाम झेलना होगा- CJI

वकील का जवाब सुनकर सीजेआई ने कहा,  ‘’क्या सचमुच ऐसा है? मैं वहां के चीफ जस्टिस से रिपोर्ट मांग रहा हूं. मैं उनसे बात करूंगा. ज़रूरत पड़ी तो खुद वहां जाऊंगा.’’ सीजेआई ने ये भी कहा कि याद रखिए कि अगर आपका दावा गलत हुआ तो आपको इसका अंजाम झेलना होगा.’’

कश्मीर में स्थिति सामान्य करने के लिए हरसंभव प्रयास करें- सुप्रीम कोर्ट

वहीं, कश्मीर के हालात को लेकर सुप्रीम कोर्ट केन्द्र से कहा कि कश्मीर में जनजीवन सामान्य करने के लिए जल्द से जल्द सभी संभव कदम उठाए. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ,न्यायमूर्ति एस. ए. बोबडे और न्यायमूर्ति एस. ए. नजीर की एक पीठ ने कहा कि कश्मीर में अगर तथा-कथित बंद है तो उससे जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट निपट सकता है.

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