China Territory: लद्दाख में पैंगोंग झील के पास चीन ने नई बस्ती बनाई है. ये वेदर प्रूफ स्ट्रक्चर है. ये नई बस्ती वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के उस इलाके में चीन की तरफ स्थित है, जिस पर भारत के साथ 1962 के युद्ध के बाद से उसका कब्जा है. इस इलाके में निर्माण गतिविधियां देखी गईं और ये सबसे नई बस्ती है. इसमें एक पुल भी शामिल है जो पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिणी किनारों को जोड़ता है.
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, ये नई बस्ती एलएसी से लगभग 7 किलोमीटर पूर्व में और रेचिन ला से लगभग 20 किलोमीटर स्थित है. ये इलाका उन्ही उंचे मैदानों में से एक है जहां पर सितंबर 2020 में गलवान तनाव के बाद भारतीय सेना और चीनी सेना का आमना-सामना हुआ था. नई चीनी बस्ती में सड़कें, बिजली के ट्रांसफॉर्मर, लैंपपोस्ट और एक सामुदायिक केंद्र का निर्माण पूरा हो चुका है.
भारतीय सेना ने क्या कहा?
इसको लेकर भारतीय सेना का कहना है कि चीनी बस्ती एलएसी से काफी दूर है और यह किसी सीमा समझौते का उल्लंघन नहीं करती है. वहीं, जो तस्वीरें सामने आई हैं उनमें कम्युनिकेशन टावर, सीमेंट मिक्सर के साथ सौर पैनल भी दिखाई दे रहे हैं. इससे पता चलता है कि साइट पर काम अभी भी चल रहा है. मामले पर सैन्य विशेषज्ञों का कहना है कि इस समझौते से चीन को अपने सैनिकों को पहले से तैनात करने मदद मिलेगी. उनका कहना है कि क्षेत्र में चरवाहों को भी यहीं रखा जा सकता है.
1962 के युद्ध में चीन ने किया था जमीन पर कब्जा
1962 से चीन के कब्जे वाले इस इलाके में स्पैंगगुर झील के तट पर बनी यह नई चीनी बस्ती चुशुल से लगभग 30 किमी पूर्व में है. ये जगह रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि 1962 के युद्ध में यहीं भारी लड़ाई देखी थी और भविष्य के किसी भी संघर्ष के लिए एक प्रमुख युद्धक्षेत्र बना हुआ है.
फिलहाल तो लद्दाख में भारत-चीन एलएसी पर शांति बनाए रखने के लिए कूटनीतिक और सैन्य प्रयास कर रहे हैं. इसमें हाल ही में सैन्य टुकड़ियों की वापसी और गश्त व्यवस्था पर समझौते शामिल हैं.
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