Chhattisgarh Election 2023: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव की घोषणा होने के बाद एक तरफ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में कांग्रेस एक बार फिर सरकार गठन के लिए मैदान में कूद चुकी है तो दूसरी तरफ बीजेपी एक बार फिर यहां सरकार बनाने की कवायद में जुटी हुई है. 15 सालों की बीजेपी सरकार को मात देकर पिछले पांच सालों से छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार का नेतृत्व कर रहे सूबे के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एक बार फिर राज्य में सरकार बनाने को लेकर आशान्वित है.


पांच सालों के उनके शासन के दौरान भ्रष्टाचार को लेकर केंद्रीय एजेंसियों सीबीआई और ईडी की मैराथन छापेमारी और सरकार के कई नौकरशाहों की गिरफ्तारी के बीच उनकी सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर होने के दावे किए जा रहे हैं. इसके अलावा पार्टी में टिकट बंटवारे को लेकर में भारी नाराजगी है. कांग्रेस ने इस बार राज्य के मौजूदा विधायकों में से 18 का टिकट काटा है, जिसके बाद विरोध की लहर भी तेज है. ऐसे में पार्टी एक बार फिर सरकार गठन करने में कितना सफल होगी?


'नहीं है सत्ता विरोधी लहर'


अंग्रेजी अखबार हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक सत्ता विरोधी लहर से संबंधित सवाल के जवाब में बघेल ने कहा, "मुझे नहीं लगता है कि राज्य में कहीं भी सत्ता विरोधी लहर है. कहीं-कहीं अगर होगी तो वह स्थानीय विधायकों के खिलाफ हो सकती है. कई बार ऐसी नाराजगी पार्टी कार्यकर्ताओं में भी होती है. इसलिए कुछ विधायकों का टिकट काटा गया है."


भूपेश बघेल ने कहा है कि इन पांच सालों के शासन के दौरान उन्होंने छत्तीसगढ़िया पहचान को प्राथमिकता दी है और राज्य के सभी तबके का सर्वांगीण विकास किया है. इसकी वजह से एक बार फिर वह राज्य में सरकार बनाने में सफल होंगे.


75 सीटें जीतने का दावा


विधानसभा की 90 सीटें हैं. बहुमत से सरकार बनाने के लिए कम से कम 46 सीटों पर जीत जरूरी है. कांग्रेस कितनी सीटों पर जीत दर्ज करेगी? इस बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, "पार्टी कम से कम 75 सीटों पर जीत दर्ज करेगी." बघेल ने कहा कि एक बार फिर कांग्रेस की सरकार बनेगी क्योंकि पांच सालों के दौरान राज्य के लोगों को सरकार ने सारी सुविधाएं सुनिश्चित की. हर तबके का विकास हुआ है."


टिकट कटने से नाराज विधायकों को दिया बड़ा संकेत


उन्होंने टिकट कटने से नाराज विधायकों को विशेष संदेश देते हुए कहा है, "हो सकता है कि इनमें से कुछ लोगों को लोक सभा चुनाव में लड़ने का मौका मिले." भूपेश बघेल कहते हैं, "सारी रणनीति का खुलासा एक साथ नहीं किया जाता है, लेकिन पार्टी दूरदर्शी सोच के साथ योजना बनाकर काम करती है."


विधायकों का टिकट काटे जाने के नाराजगी के संबंध में उन्होंने कहा कि ऐसा हमेशा होता है. सब को टिकट नहीं दिया जा सकता है. इसकी वजह से नाराजगी भी स्वाभाविक है, लेकिन यह पार्टी के अंदर परिवार की बात है. ऐसे नेताओं से बातचीत हो रही है.


आपको बता दें कि 2018 की विधानसभा चुनाव में रमन सिंह के नेतृत्व में बीजेपी सरकार को मात देकर कांग्रेस ने भूपेश बघेल के नेतृत्व में बहुमत की सरकार बनायी थी.


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