Chandrayaan News: भारत की स्पेस एजेंसी इसरो ने खुलासा किया है कि चंद्रयान 2 का ऑर्बिटर नासा के लूनर रिकोनेसंस ऑर्बिटर (LRO) के साथ टकराने से बाल बाल बचाया गया. इस टकराव से ऑर्बिटर को बचाने के लिए इसरो ने कोलिशन अवॉइडेंस मनोवर यानी ध्रुवीय कक्षा में बदलाव किया. जब ये टकराव होने वाली थी तब दोनो ही देशों के ऑर्बिटर काफी नजदीक आ गए थे. इसरो ने पहली बार इतने नजदीक मनोवर परफॉर्म किया है. इससे पहले अर्थ आर्बिटिंग सैटेलाइट पर ऐसे मनोवर किए जा चुके थे. एक महीने पहले ही इसे उत्तरी ध्रुव के पास नासा के LRO के साथ टकराने से बचाने के लिए ध्रुवीय कक्षा से स्थानांतरित किया गया था. तब चंद्रयान -2 ऑर्बिटर और एलआरओ के बीच दूरी बहुत कम थी.


अब दोबारा एक हफ्ते पहले ही इन दोनों के पास आने से इसरो और नासा दोनों की ओर से विश्लेषण में यह देखा गया अंतरिक्ष यान के बीच रेडियल अलगाव 100 मीटर से कम होगा और निकटतम दूरी उपरोक्त समय पर केवल 3 km होगी. यानी इतने करीब आने वाले इस चुनौती को दूर करने के लिए CAM की जरूरत पड़ी. CAM यानी Collision Avoidance Manoeuvre. क्योंकि चंद्रयान -2 का ऑर्बिटर और नासा का एलआरओ चंद्रमा की ध्रुवीय कक्षा में परिक्रमा करते हैं इसलिए दोनों कई बार करीब आते रहते हैं. लेकिन इस बार इनकी दूरी सबसे कम थी. ऐसे में यह चुनौती जरूर थी लेकिन इसरो ने इस टकराव से अपने ऑर्बिटर को बचा ही लिया.


इसरो के अनुसार दोनो चंद्रयान 2 ऑर्बिटर और नासा का LRO 20 अक्तूबर को सुबह 11.15 बजे चंद्रमा के उत्तरी ध्रुव के पास एक-दूसरे के बेहद करीब आने वाले थे. इस बड़ी चुनौती को रोकने के लिए इसरो ने मनोवर को अक्टूबर 18 को रात 8.22 बजे किया. साथ ही यह भी सुनिश्चित किया कि दोबारा इतने नजदीक न आए.


Rashtrapati Bhavan: सुरक्षा में बड़ी चूक! रात के समय गाड़ी से राष्ट्रपति भवन के गेट को पार कर घुसे 2 लोग, सुरक्षाकर्मियों ने पकड़ा