मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति (ACC) ने IAS अधिकारी चंद्रशेखर एस. को नवनिर्वाचित उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन का नया निजी सचिव और सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी अमित खरे को सचिव नियुक्त करने को मंजूरी दे दी है. कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DOPT) की तरफ से रविवार (14 सितंबर 2025) को जारी एक आधिकारिक ज्ञापन के अनुसार, केरल कैडर के 2014 बैच के आईएएस अधिकारी चंद्रशेखर एस. को मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में उप निदेशक के वर्तमान पद से मुक्त कर दिया गया है और वे नया कार्यभार संभालेंगे. 

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कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DOPT) की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि उनका केंद्रीय प्रतिनियुक्ति कार्यकाल 28 फरवरी, 2028 तक जारी रहेगा, जो उनकी चार साल की प्रतिनियुक्ति की शेष अवधि है, या अगले आदेश तक, जो भी पहले हो. वे उपराष्ट्रपति के साथ सह-अवधि के आधार पर कार्य करेंगे.

उप सचिव एनीस कन्नानी जॉय ने जारी किया ज्ञापनकेंद्र सरकार की उप सचिव एनीस कन्नानी जॉय की तरफ से जारी हस्ताक्षरित ज्ञापन में कहा गया है, "चंद्रशेखर एस. को उपराष्ट्रपति सचिवालय में उप सचिव स्तर पर भारत के उपराष्ट्रपति (सी.पी. राधाकृष्णन) के निजी सचिव के रूप में 28 फरवरी, 2028 तक (अर्थात उनके चार साल के केंद्रीय प्रतिनियुक्ति कार्यकाल की शेष अवधि के लिए) नियुक्त किया गया है. यह नियुक्ति पदभार ग्रहण करने की तिथि से या भारत के उपराष्ट्रपति के कार्यकाल के साथ-साथ या जब तक वे भारत के उपराष्ट्रपति के निजी सचिव के रूप में कार्य करना बंद नहीं कर देते या अगले आदेश तक, जो भी पहले हो, प्रभावी होगी."इस पत्र में आगे उल्लेख किया गया है कि नियुक्ति चंद्रशेखर की तरफ से पदभार ग्रहण करने की तारीख से प्रभावी होगी.

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प्रधानमंत्री कार्यालय में दे चुके हैं सेवाइसी प्रकार, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग की तरफ से 14 सितंबर को जारी आदेश के अनुसार, खरे की नियुक्ति पदभार ग्रहण करने की तारीख से तीन वर्ष के कार्यकाल के लिए या अगले आदेश तक, जो भी पहले हो, अनुबंध के आधार पर होगी. खरे का लोक सेवा में एक विशिष्ट करियर रहा है, उन्होंने सूचना और प्रसारण मंत्रालय में सचिव और बाद में शिक्षा सचिव के रूप में कार्य किया है. सिविल सेवा से सेवानिवृत्ति के बाद, उन्हें प्रधानमंत्री का सलाहकार नियुक्त किया गया था, जहां उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय में सामाजिक क्षेत्र से संबंधित मामलों को संभाला था. उनका चयन संवैधानिक प्राधिकारियों की सहायता के लिए महत्वपूर्ण सचिवीय भूमिकाओं में अनुभवी अधिकारियों को नियुक्त करने के केंद्र के प्रयास को दर्शाता है.

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