Sedition Law Hearing in Supreme Court: राजद्रोह कानून पिछले काफी सालों से विवादों में रहा है. आरोप लगता आया है कि सरकारें बदले की कार्रवाई करने के लिए इस कानून का इस्तेमाल करती हैं. इस कानून के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई भी चल रही है. अब केंद्र सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में कहा गया है कि वो राजद्रोह कानून में बदलाव को लेकर जांच के लिए तैयार है. लेकिन इससे पहले केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में इस कानून का बचाव किया था. 

सरकार ने कही समीक्षा करने की बातकेंद्र सरकार की तरफ से अपने नए हलफनामे में बताया गया है कि, हम राजद्रोह कानून के प्रावधानों की फिर से जांच करने और उन पर पुनिर्विचार करने के लिए तैयार हैं. इसके साथ ही केंद्र की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में ये अपील की गई है कि जब तक सरकार इस कानून की जांच करती है, तब तक इस मामले को नहीं उठाया जाए. 

केंद्र ने पहले दिया था ये तर्कबता दें कि केंद्र सरकार की तरफ से अचानक राजद्रोह मामले को लेकर यू-टर्न लिया गया है. क्योंकि इससे पहले केंद्र सरकार से जब सुप्रीम कोर्ट ने जवाब मांगा था तो सरकार की तरफ से कहा गया था कि इस कानून में कुछ गलत नहीं है, इसीलिए इस पर पुनर्विचार की जरूरत भी नहीं है. इतना ही नहीं, केंद्र सरकार की तरफ से इस कानून को काफी असरदार भी बताया गया था. इसे सही साबित करने के लिए केंद्र की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में कई तर्क भी दिए गए थे. 

Uddhav On Shiv Sena: लाउडस्पीकर और हनुमान चालीसा विवाद के बीच बोले उद्धव ठाकरे- 'शिव सेना को खत्म करने की हुई नाकाम कोशिश'

सुप्रीम कोर्ट में होनी थी सुनवाईबता दें कि केंद्र सरकार की तरफ से अपना ये दूसरा हलफनामा तब दाखिल किया गया है, जब 10 मई को इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है. 10 मई को होने वाली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट को ये तय करना है कि मामला 5 जजों की बेंच को भेजा जाए या फिर 7 जजों की बेंच इस मामले पर सुनवाई करेगी. इसके लिए कोर्ट ने केंद्र को अपना पक्ष स्पष्ट करने की बात कही थी. 

बता दें कि राजद्रोह कानून के तहत गिरफ्तार किए गए ज्यादातर लोगों का गुनाह साबित नहीं हो पाया. जिसके चलते ये कानून लगातार विवादों में रहा है. सरकारों पर आरोप लगता आया है कि इस कानून का अपनी मर्जी से किसी के भी खिलाफ इस्तेमाल किया जाता है. इसे लेकर कई बार सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट भी सवाल उठा चुके हैं. 

ये भी पढ़ें - 

Shaheen Bagh: अतिक्रमण विरोधी अभियान रोकने से SC ने मना किया, कहा- मामला जहांगीरपुरी से अलग, इसे हाई कोर्ट में रखें