Raghav Chadha On Centre Ordinance: दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग का अधिकार सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल सरकार को दिया था. इस पर केंद्र सरकार ने शुक्रवार (19 मई) को एक अध्यादेश जारी कर दिया. इस पूरे मामले पर आम आदमी पार्टी (आप) से राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने केंद्र पर निशाना साधा है और सवाल पूछा है.


उन्होंने पूछा है कि क्या सरकार एक संवैधानिक संशोधन की भी योजना बना रही है कि गैर-बीजेपी सरकार शासित किसी भी राज्य पर केंद्र शासन करेगा? केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश को "खारिज" करने के लिए एक अध्यादेश लेकर आई है जिसने दिल्ली सरकार को प्रशासनिक मामलों में उपराज्यपाल के ऊपर अधिकार दिया था. केंद्र के इस अध्यादेश में नौकरशाहों के ट्रांसफर और पोस्टिंग से जुड़े मामलों को तय करने का अधिकार एलजी को दिया गया है.


क्या बोले राघव चड्ढा?


राघव ने ट्वीट कर लिखा, “सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की संवैधानिक पीठ के सर्व सहमति के फैसले को एक राजनीतिक ऑर्डिनेंस (अध्यादेश) लाकर पलटने का दुस्साहस केंद्र सरकार ने किया. ये ऑर्डिनेंस देश के संघीय ढांचे और चुनी सरकार की शक्तियों को तार-तार करता है. ये माननीय सुप्रीम कोर्ट और जनता के जनादेश- दोनों की अवमानना है.”






उन्होंने आगे कहा, ”आगे क्या? एक संवैधानिक संशोधन कि कोई भी राज्य जो वोट देकर एक गैर-बीजेपी सरकार को सत्ता में लाता है, उसकी विधायिका छीन ली जाएगी और एक केंद्रीय प्रशासित क्षेत्र में बदल दिया जाएगा?”


AAP नेता आतिशी ने भी साधा निशाना


वहीं दूसरी ओर मामले में दिल्ली की मंत्री आतिशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि लोकतंत्र और संविधान की हत्या करने वाला है मोदी सरकार का ये अध्यादेश, जो ताकत सर्वोच्च न्यायालय की संवैधानिक पीठ ने चुनी हुई सरकार को दी, ये उसकी ताकत को गैर संवैधानिक तरीके से छीनने का प्रयास है.


उन्होंने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का मतलब है- दिल्ली की जनता ने अरविंद केजरीवाल को चुनकर भेजा है, तो 3 विषयों को (लैंड, लॉ एंड ऑर्डर, पुलिस) छोड़कर निर्णय लेने की ताकत मुख्यमंत्री के पास है. एलजी को राज्य सरकार के निर्णय को मानना चाहिए.


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