नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने सभी राज्यों से लॉकडाउन के दौरान कृषि क्षेत्र को मिली रियायत का फायदा किसानों तक पहुंचाने को कहा है. केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने इस सम्बंध में सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को एक पत्र लिखा है.
रियायत का फ़ायदा किसानों को मिले
पत्र में कहा गया है कि लॉकडाउन के दौरान जिन गतिविधियों को रियायत मिली हुई है उनमें आवश्यक सेवाओं के अलावा कृषि का क्षेत्र भी शामिल है. पत्र में 27 मार्च को जारी किए गए एक एडवाइजरी का हवाला देते हुए कहा गया है कि अप्रैल का महीना रबी फसलों की कटाई का होता है जिसके बाद खरीफ़ फ़सलों की बुवाई की प्रक्रिया शुरू की जाती है. इसे देखते हुए कृषि से जुड़ी गतिविधियों को लॉक डाउन के बंधनों से छूट दी गई है. गृह सचिव ने लिखा है कि छूट देने के बावजूद इसका फ़ायदा ज़मीनी स्तर पर किसानों को नहीं मिल रहा है. गृह सचिव ने सभी राज्यों से ये सुनिश्चित करने को कहा है कि इसका फ़ायदा किसानों को मिले.
27 मार्च को एडवाइजरी हुई थी जारी
27 मार्च को गृह मंत्रालय ने एक एडवाइजरी जारी कर कृषि क्षेत्र से जुड़ी अहम गतिविधियों को लॉकडाउन से रियायत देने का ऐलान किया था. इनमें बुवाई और कटाई, कृषि उत्पाद का क्रय विक्रय, मंडियों का संचालन और फसलों की बुवाई और कटाई से जुड़े मशीनों की आवाजाही जैसी गतिविधियां शामिल की गई हैं. गृह मंत्रालय ने सभी सम्बन्धित विभागों तक इस क़दम की सूचना पहुंचाने का निर्देश दिया है. हालांकि राज्य सरकारों से ये भी कहा गया है कि फ़सलों की कटाई और बुवाई के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के प्रोटोकॉल का भी पालन किया जाए.
कृषि अनुसंधान में लगी सबसे बड़ी सरकारी संस्था भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने सभी किसानों से कोरोना के ख़तरे को देखते हुए रबी फ़सलों की कटाई 20 अप्रैल तक टालने की भी सलाह दी है. परिषद ने सभी किसान संगठनों से इस दौरान सोशल डिस्टेंशिंग का पालन करने को भी कहा है.