Prevention of food wastage: केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों से कहा है कि युवा छात्रों के बीच जागरुकता पैदा करने के लिए स्कूल के पाठ्यक्रम में 'भोजन की बर्बादी की रोकथाम' पर एक अध्याय शामिल किया जाए. यह जानकारी बुधवार को खाद्य और उपभोक्ता मामलों के राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने संसद में दी. अश्विनी कुमार चौबे ने लोकसभा में अपने लिखित जवाब में कहा कि सरकार ने भोजन (Food) की बर्बादी के खिलाफ लोगों को जागरूक करने के लिए समय-समय पर प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के जरिये प्रचार अभियान चलाया है.


उन्होंने बताया कि FSSAI (भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण) ने विभिन्न खाद्य वितरण एजेंसियों और अन्य हितधारकों को एकीकृत करके बचे हुए भोजन के दान को बढ़ावा देने और भोजन की बर्बादी को कम करने में मदद करने के लिए एक सामाजिक पहल "भोजन साझा करें, भोजन बचाएं" भी शुरू की है.  


FSSAI ने खाद्य सुरक्षा और मानक (Recovery and Distribution of Surplus Food) विनियम-2019 को भी अधिसूचित किया है, जो फूड डोनर्स और सरप्‍लस खाद्य वितरण संगठनों की जिम्मेदारियों को भी बताता है, ताकि डोनेट किया गया खाना मानव उपभोग के लिए सुरक्षित रहे.


दुनियाभर में मनता है एक यह खास दिन


बताते चलें कि, खाने की बर्बादी रोकने और इस दिशा में जागरुकता बढ़ाने के उद्देश्य से दुनियाभर में 'इंटरनेशनल फूड लास एंड वेस्ट अवेयरनेस डे' मनाया जाता है. 29 सितंबर 2022 को यह डे भारत में भी मना. संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 19 दिसंबर, 2019 को इसे एक अंतरराष्ट्रीय दिवस के रूप में मान्यता दी थी.


खाद्य विशेषज्ञों के मुताबिक, खाद्य अपव्यय के मुद्दे को हल करने के वैश्विक प्रयासों को बढ़ावा देने और लागू करने के लिए वर्ष 2020 से 29 सितंबर को इंटरनेशनल डे आफ अवेयरनेस आफ फूड लॉस एंड वेस्ट के रूप में मनाया जाने लगा. 


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