नई दिल्ली: दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्र सरकार द्वारा राज्यों को ग्लोबल टेंडर करने की बात पर केंद्र की आलोचना की और राज्यों को वैक्सीन उपलब्ध करवाने में केंद्र सरकार पर लचर रवैये का आरोप लगाया. मनीष सिसोदिया ने आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी कोरोना से लड़ने का नया मॉडल लेकर आई है, बीजेपी के हिसाब से सारे राज्य वैक्सीन के लिए अपना ग्लोबल टेंडर निकालें और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में एक दूसरे से लड़ें.


एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के ज़रिए मनीष सिसोदिया ने कहा कि बीजेपी ने सवाल किया है कि वैक्सीन के लिए दिल्ली ने ग्लोबल टेंडर क्यों नहीं दिया. इन्हें पता होना चाहिए कि केंद्र सरकार ने तो राज्यों के हिस्से की वैक्सीन विदेशों में बेच दी, लेकिन अब अपने राज्यों को नसीहत दे रही है कि राज्य खुद से ग्लोबल टेंडर के द्वारा विदेशों से वैक्सीन खरीदें और उसकी आपूर्ति के लिए आपस में प्रतियोगिता करके लड़ें. आज जब संकट के समय सभी राज्यों को साथ मिलकर इस महामारी से लड़ना है तो केंद्र में बैठी बीजेपी राज्यों को आपस में लड़वाने पर तुली हुई है.


मनीष सिसोदिया ने विदेश में वैक्सीन भेजने के केंद सरकार के कदम पर सवाल उठाते हुए कहा कि केंद्र की बीजेपी सरकार का कोरोना मैनेजमेंट मॉडल अपने राज्यों को वैक्सीन न देकर पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश और अन्य देशों को वैक्सीन उपलब्ध करवाने का है. और अगर राज्य वैक्सीन की मांग करें तो उन्हें ग्लोबल टेंडर का हवाला देकर गलाकाट प्रतियोगिता में झोंकना है ताकि राज्य आपस में लड़ें और केंद्र सरकार से सवाल न करें. उप-मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से अपील करते हुए कहा कि आज केंद्र सरकार का काम सभी राज्यों को संगठित कर पूरे भारत के लिए ग्लोबल टेंडर द्वारा भारत के लिए वैक्सीन लाना है न कि राज्यों को अंतर्राष्ट्रीय बाजार में वैक्सीन के लिए लड़ने के लिए छोड़ देना.


देश के कोरोना मैनेजमेंट पर सवाल उठाते हुए सिसोदिया ने कहा कि भारत के कोरोना मैनेजमेंट की पूरी दुनिया में धज्जियां उड़ाई जा रही हैं, अब राज्यों को आपस में लड़वाकर केंद्र में बैठी बीजेपी सरकार दोबारा ऐसा न करे. अगर राज्य खुद वैक्सीन के लिए ग्लोबल टेंडर करेंगे तो जल्दी से वैक्सीन पाने के लिए सभी राज्य वैक्सीन अलग-अलग कीमतों पर खरीदेंगे और ज़्यादा कीमत देने वाले राज्यों को पहले वैक्सीन मिलेगी. इससे राज्यों में आपस में प्रतिद्वंदिता की स्थिति पैदा होगी और पूरे ग्लोबल मार्केट में भारत की खिल्लियां उड़ेंगी.


सिसोदिया ने कहा कि अगर केंद्र सरकार अपने देश के युवाओं को वैक्सीन लगाने का निर्णय मार्च में लेकर विदेशों को 6.5 करोड़ वैक्सीन नहीं बेचती तो वो वैक्सीन हमारे युवाओं को लग चुकी होती, लाखों ज़िंदगियां बच जाती. लेकिन केंद्र सरकार अपनी गलती मानने के बजाय रोज़ नए बेतुके तर्क दे रही है. अमेरिका और अन्य यूरोपीय देशों ने पहले अपने सभी नागरिकों के लिए वैक्सीन सुनिश्चित की, उसके बाद वैक्सीन का निर्यात किया. सिसोदिया ने केंद्र सरकार से अपील की कि केंद्र इस संकट को गंभीरता से ले और पल्स पोलियो अभियान की तरह सर्वव्यापी फ्री वैक्सीन अभियान चलाए. 


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