नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की तरफ से सिलेबस में की गई कटौती पर मचे बवाल के बीच बोर्ड ने सफाई दी है. सीबीएसई सचिव अनुराग त्रिपाठी ने पत्र जारी कर कहा है कि बोर्ड द्वारा सिलेबस में की गई कटौती को मीडिया ने गलत तरीके से पेश किया है. यह व्यवस्था सिर्फ एक बार के लिए की गई है और इसका उद्देश्य सिर्फ परीक्षा देने वाले छात्रों में मौजूद तनाव को दूर करना है और कुछ नहीं.


दरअसल, सीबीएसई ने 9वीं कक्षा से 12वीं तक के सिलिबस में 30 फीसदी की कटौती की है. कोरोना के चलते लगातार स्कूल बाधित हैं. इसके चलते एनसीईआरटी की एक कमेटी ने पूरे सिलेबस में 30 फीसदी पाठ्यक्रम को कम करने की सिफारिश की थी.


इसके बाद केंद्रीय एचआरडी मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के निर्देश पर सीबीएसई ने आदेश जारी किया. जो पाठ्यक्रम हटाया गया उसमे कई महत्वपूर्ण चैप्टर हटा दिया गया. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी समेत कई राजनीतिक व्यक्तियों ने सवाल खड़े कर दिए.


बुधबार को लगातार मचे बवाल के बीच देर शाम सीबीएसई सचिव ने सफाई देते हुए एक स्पष्टीकरण जारी किया. उन्होंने कहा कि चार कक्षाओं की करीब 190 विषयों में 30 फीसदी पाठ्यक्रम की कटौती की गई है. कोरोना काल के चलते ये सिर्फ एक बार की व्यवस्था है ताकि छात्रों के तनाव को दूर किया जा सके.


सचिव ने कहा कि 2020-21 की परीक्षाओं में उस पोर्शन से सवाल नहीं पूछा जाएगा जिसे पाठ्यक्रम से कम किया गया है. साथ ही स्कूलों को निर्देश दिया गया है कि एनसीईआरटी द्वारा तैयार किया गया अल्टरनेटिव एकेडमिक कैलेंडर को लागू करें. उन्होंने अपने पत्र में ये भी कहा है कि जिन टॉपिक्स को मीडिया में दिखाया जा रहा कि उसे हटा दिया गया है, उसे अल्टरनेटिव एकेडमिक कैलेंडर में शामिल किया गया है.


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