नई दिल्ली: केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने कुछ जानकारियां सार्वजनिक ना करने के लिए देशभर में बोर्ड के मान्यता प्राप्त 2000 स्कूलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. नियमों के अनुसार सभी सीबीएसई स्कूलों को पानी के नलों की संख्या, स्पीड की जानकारी के साथ वाई-फाई सुविधा से लेकर हर क्लास की मंथली फीस, दाखिला परिणाम, रिजर्व्ड फंड (आरक्षित निधि) और बैलेंस शीट की जानकारियां सार्वजनिक करना जरूरी है.

स्कूलों को बोर्ड की वेबसाइट पर दिये गये लिंक के जरिये ऑनलाइन जानकारी देने के लिए कहा गया था और साथ ही पिछसे साल अक्तूबर तक अपनी-अपनी वेबसाइटों पर भी इसकी जानकारी देने के लिए कहा गया था. बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘दो हजार से ज्यादा स्कूलों ने इस कंपल्सरी डिस्क्लोजर का पालन नहीं किया. चिन्हित स्कूलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. उन्हें अंतिम मौका दिया जाएगा जिसमें विफल रहने पर प्रत्येक स्कूल को 50 हजार रुपये का जुर्माना भरना होगा.’’ सीबीएसई ने स्कूलों को चेतावनी दी है कि फीस के स्वरूप से संबंधित निर्धारित नियमों का पालन करें. अधिकारी ने कहा, ‘‘फीस स्कूलों की तरफ से मुहैया कराए जाने वाली सुविधाओं के अनुरूप होनी चाहिये और किसी भी तरह के उल्लंघन से गंभीरता से निपटा जाएगा.’’