नई दिल्ली: भारतीय जांच एजेंसियों ने मेहुल चोकसी मामले में डोमिनिका हाई कोर्ट में एक हलफनामा दायर किया है. सीबीआई डीआईजी ने कहा कि मेहुल चोकसी कंपनियों की एक सीरीज के पीछे मास्टरमाइंड था. उसने और अन्य लोगों ने बैंक प्रक्रियाओं का दुरुपयोग करके अनधिकृत रूप से क्रेडिट जुटाने के लिए बैंक के अधिकारियों के साथ साजिश रची.


डोमिनिका हाई कोर्ट में सीबीआई ने कहा, “सीबीआई ने जांच के दौरान मेहुल चोकसी को गिरफ्तार करने का प्रयास किया, लेकिन उसका ठिकाना अज्ञात था, और वह भारत में उपलब्ध नहीं था.”


'चोकसी भारत की कार्यवाही से वाकिफ'
सीबीआई ने कहा कि मेहुल चोकसी भारत की कार्यवाही से पूरी तरह वाकिफ है. उसने भारत में वकीलों को नियुक्त किया है, और उनमें से एक ने हाल ही में डोमिनिका में हुई घटनाओं के बारे में एक प्रेस इंटव्यू दिया जिसमें चोकसी के वर्जन का समर्थन किया गयाकोर्ट में सीबीआई ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मेहुल चोकसी ने कोर्ट से यह सब छुपाया है और इसके बजाय सुझाव दिया भारत में उसके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हो.


सीबीआई ने किया जमानत का विरोध 
डोमिनिका अदालत में चोकसी की जमानत का विरोध करते हुए सीबीआई ने कहा कि मेहुल चोकसी एक अंतरराष्ट्रीय भगोड़ा है और लगातार भारत में कानून प्रवर्तन से बच रहा है. जांच एजेंसी ने कहा कि चोकसी को अगर जमानत पर रिहा किया जाता है, तो वह कानून प्रवर्तन और इंटरपोल द्वारा जारी रेड नोटिस से बचने की कोशिश करेगा.


सीबीआई ने डोमिनिका कोर्ट को सूचित किया कि भारतीय अदालत ने 17 अप्रैल 2018 को मेहुल चोकसी के खिलाफ गिरफ्तारी का गैर-जमानती वारंट भी जारी किया है, जिसे निष्पादित नहीं किया जा सकता क्योंकि वह पहले ही भारत से भाग चुका था.


हाई कोर्ट ने जमानत देने से किया इनकार 
बता दें मेहुल चोकसी को जमानत देने से डोमिनिका हाई कोर्ट ने इनकार कर दिया है. हाई कोर्ट ने पड़ोसी एंटीगुआ और बारबुडा से रहस्यमय परिस्थितियों में गायब होने के बाद आइलैंड कंट्री में अवैध रूप से घुसने के मामले में भगोड़ा हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को जमानत देने से इनकार कर दिया.  हाई कोर्ट ने शुक्रवार को अपने फैसले में कहा कि चोकसी के ‘‘भागने का खतरा’’ है. चोकसी ने मजिस्ट्रेट अदालत द्वारा जमानत याचिका खारिज किए जाने के बाद हाई कोर्ट का रुख किया था. 


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