कानपुर: पेन बनाने वाली मशहूर कंपनी रोटोमैक 800 करोड़ के बैंक लोन घोटाले में फंस गई है. सीबीआई ने कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. आज सुबह से कानपुर में कंपनी से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी हो रही है और कंपनी के मालिक विक्रम कोठारी से पूछताछ हो रही है.

विक्रम कोठारी के साथ उनकी पत्नी और बेटे से भी पूछताछ की जा रही है. सीबीआई ने आज तड़के से ही कार्रवाई शुरु कर दी थी. इससे पहले माना जा रहा था कि कोठारी देश छोड़ कर भाग सकते हैं.

हालांकि कोठारी ने एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए कहा था कि मैं कानपुर में ही हूं, कहीं भागा नहीं हूं और जल्द ही बैंक के पैसे चुका दूंगा. मेरे बारे में जिस तरह की खबरें चल रही हैं वह सही नहीं हैं.

रविवार को वे एक शादी समारोह में भी दिखाई दिए. इस कार्यक्रम में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, यूपी के डिप्टी सीएम केशव मौर्य, बिहार सरकार के डिप्टी सीएम सुशील मोदी समेत कई दिग्गज राजनैतिक और कारोबारी मौजूद थे.

रोटोमैक के मालिक विक्रम कोठारी ने सरकारी बैंकों से करीब 800 करोड़ रुपए का लोन एक साल पहले लिया था लेकिन अभी तक उन्होंने बैंक का लोन अदा नहीं किया है. कानपुर के तिलक नगर में विक्रम कोठारी का आलीशान बंगला लेकिन आजकल वे अपने बंगले में नहीं है. कोठारी की फैक्ट्री पनकी दादा नगर इलाके में है जो बंद पड़ी हुई है. कानपुर के माल रोड के सिटी सेंटर में रोटोमैक का दफ्तर है वह भी आजकल बंद पड़ा हुआ है.

यूनियन बैंक मैनेजर पीके अवस्थी ने बताया कि उनके बैंक से 485 करोड़ का लोन है और बैंक का पैसा रिकवर करने के लिए कोठारी की जो प्रॉपर्टी बैंक के पास है वो बेची जाएगी. वहीं इलाहाबाद बैंक के मैनेजर राजेश ने कहा, "विक्रम कोठारी के ऊपर 352 करोड़ की रिकवरी है. जब पेमेंट रिकवर नहीं होता है, तो वह अकाउंट एनपीए में चला जाता है. जो भी उनकी जमीनें बैंक के पास है उनको सेल करने की प्रक्रिया अंडर प्रोसेस है. मुझे उम्मीद है कि पैसा रिकवर हो जाएगा."

बता दें कि जब बैंक किसी व्यक्ति को लोन देती है, तो कभी-कभी ऐसा होता है कि लोन लेने वाला इंसान बैंक का पैसा वापस नहीं कर पाता है. फिर बैंक उसे एक नोटिस भेजती है कि आप पैसा वापस कीजिए नहीं तो आपके खिलाफ लीगल एक्शन लिया जायेगा. इसके बाद भी अगर वह आदमी पेमेंट नहीं करता है तो बैंक उस लोन को एनपीए करार देती है.