नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल के नारदा स्टिंग टेप मामले में चार टीएमसी नेताओं के हाउस अरेस्ट करने के खिलाफ सीबीआई ने आज सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. सीबीआई ने कलकत्ता हाईकोर्ट के इस फैसले को चुनौती देते हुए आज की सुनवाई को टालने की मांग की है.


दरअसल, नारदा घोटाले में गिरफ्तार टीएमसी के चार नेताओं की जमानत याचिका पर आज कलकत्ता हाईकोर्ट के 5 सदस्यीय टीम को मामले की सुनवाई करना है. इससे पहले 2 न्यायाधीशों के बीच में सहमति न होने की वजह से नारदा घोटाले में आरोपी चार नेताओं को शर्त पर अंतरिम जमानत तो दी गयी थी. शर्त ये थी कि इनको अगले आदेश तक अपने-अपने घरों मे ही नजरबंद रहना होगा.


ये चार नेता हैं- कैबिनेट मंत्री फिरहाद हाकिम और सुब्रत मुखर्जी, विधायक मदन मित्र, कोलकाता के पूर्व मेयर और पूर्व कैबिनेट मंत्री शोभन चटर्जी. शोभन चटर्जी अब कोई भी पार्टी के साथ जुड़े हुए नहीं है. नारदा घोटाले में गिरफ्तार टीएमसी के चार नेताओं की जमानत याचिका पर हाईकोर्ट के 5 सदस्यीय टीम पर सुनवाई करेगी. 5 न्यायाधीशों की बेंच में है जस्टिस अरिजीत बनर्जी, इंद्रप्रसन्न  मुखर्जी, सोमेन सेन, एक्टिंग चीफ जस्टिस राजेश बिंदल और हरीश टंडन.


हाईकोर्ट के नजरबंदी में भेजने के आदेश के बाद फरहाद हकीम घर लौटे
सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए गए पश्चिम बंगाल के मंत्री फरहाद हकीम और तीन अन्य को नजरबंदी में रखे जाने के कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के बाद वह शुक्रवार को अपने आवास लौट आए. हकीम कड़ी सुरक्षा के बीच शाम को अपने चेतला आवास पहुंचे. मुखर्जी, मित्रा और चटर्जी तत्काल घर नहीं लौट सके, क्योंकि उनका स्वास्थ्य संबंधी विभिन्न समस्याओं के कारण अस्पतालों में इलाज चल रहा है.


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