Cattle Smuggling Racket: दिल्ली की एक कोर्ट ने पशु तस्करी मामले में तृणमूल कांग्रेस नेता अनुब्रत मंडल की जमानत याचिका खारिज कर दी है. यह मामला पश्चिम बंगाल में कथित पशु तस्करी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग से है. विशेष जज रघुबीर सिंह ने अनुब्रत मंडल की जमानत अर्जी खारिज करते हुए कहा कि उन्हें राहत देने का कोई आधार नहीं है.

कोर्ट में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के विशेष लोक अभियोजक नीतेश राणा ने तर्क दिए, जिस पर कोर्ट ने ध्यान देने के बाद ये आदेश सुनाया है. 

अनुब्रत मंडल तृणमूल कांग्रेस के बीरभूम जिला अध्यक्ष हैं, उनको मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का करीबी सहयोगी माना जाता है. प्रवर्तन निदेशालय ने मंडल को पशु तस्करी और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया था. वहीं, बीएसएफ के तत्कालीन कमांडेंट सतीश कुमार के खिलाफ कोलकाता में सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की थी, इसके बाद मंडल के खिलाफ एजेंसी ने मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था.

एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि सतीश कुमार, सरकारी अफसरों और संबंधित व्यक्तियों के साथ मिलकर अनुब्रत मंडल, करोड़ों रुपये के पशु तस्करी रैकेट में शामिल था.

सीबीआई (CBI) ने अनुब्रत मंडल को 11 अगस्त को गिरफ्तार किया था और तब से वह सलाखों के पीछे हैं. उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की कई धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं. केंद्रीय एजेंसी ने मंडल और उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर लगभग 18 करोड़ रुपये की फिक्सड डिपोजिट और 50 से अधिक भूमि व संपत्ति के दस्तावेजों का जिक्र किया है.  

CBI ने किया था गिरफ्तार

सीबीआई ने अनुब्रत मंडल को बोलपुर स्थित उनके आवास से मामले की जांच में कथित रूप से सहयोग नहीं करने के आरोप में गिरफ्तार किया था. सीबीआई ने मंडल को कई बार समन जारी किया था, लेकिन वे सीबीआई के सामने पेश नहीं हुए. जांच एजेंसी ने यह भी दावा किया कि मंडल कथित तौर पर पशु तस्करों के लिए एक सुरक्षित गलियारा मुहैया कराता था. 

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