Cash for Query Case: तृणमूल कांग्रेस (TMC) की सांसद महुआ मोइत्रा से जुड़े कैश फॉर क्वेरी मामले में विवाद जारी है. इस बीच आरोप लगाने वाले बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने दावा किया है कि लोकपाल ने महुआ मोइत्रा के खिलाफ सीबीआई जांच का आदेश दिया है. इस पर टीएमसी सांसद ने तंज किया.


टीएमसी सांसद ने एक्स पर कहा कि सीबीआई को सबसे पहले अडानी मामले को लेकर एफआईआर दर्ज करनी चाहिए. उन्होंने गृह मंत्रालय को टैग करते हुए लिखा, "नेशनल सिक्योरिटी का बड़ा मुद्दा ये है कि कैसे संदिग्ध एफपीआई स्वामित्व वाली (चीनी और संयुक्त अरब अमीरात सहित) कंपनियां भारतीय बंदरगाहों और हवाई अड्डों को खरीद रही है. इसके बाद सीबीआई आपका स्वागत है, आइए मेरी जूती काउंट कर लें."






जूती गिनने को लेकर पहले भी दिया था बयान


इससे पहले एक्स पर पोस्ट करते हुए टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने आरोप लगाया था कि बीजेपी उनके खिलाफ आपराधिक केस दर्ज करने का प्लान बना रही है. उन्होंने आगे कहा था, "इससे पहले कि सीबीआई और ईडी मुझसे ये पूछे कि मेरे पास कितने जोड़े जूते हैं, उन्हें अडानी मामले पर एफआईआर दर्ज करनी चाहिए."


महुआ मोइत्रा ने एक और ट्वीट कर लोकपाल को लेकर सवाल खड़े किए. उन्होंने तंज करते हुए कहा कि यह जानकर बहुत खुशी हुई कि पीएम मोदी का लोकपाल अस्तित्व में है. उन्होंने आगे कहा, "इस मामले में लोकपाल कार्यालय बयान क्यों नहीं जारी करता."


एथिक्स कमेटी के सवाल पर मचा था बवाल


बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने महुआ मोइत्रा पर कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से पैसे लेकर संसद में सवाल करने का आरोप लगाया था. इस मामले में टीएमसी सांसद एथिक्स कमेटी के सामने पेश भी हुईं, लेकिन उनसे पूछे गए सवाल को लेकर एक अलग राजनीति शुरू हो गई थी. टीएमसी सांसद ने एथिक्स कमेटी के सवालों को लेकर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को पत्र भी लिखा था. 


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