नई दिल्ली: पंजाब में किसान आंदोलन के दौरान बीजेपी विधायक के साथ बदसलूकी पर सात किसान नेताओं और 300 अज्ञात लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है. बीजेपी ने राज्य की अमरिंदर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया है. पंजाब के कई बीजेपी नेताओं ने पार्टी के अबोहर के विधायक पर मुक्तसर में हुए हमले के खिलाफ रविवार को मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया.
क्या है पूरा मामला?
बीजेपी विधायक अरुण नारंग को शनिवार को प्रदर्शनकारी किसानों के एक समूह ने घेर लिया था और उनके साथ कथित तौर पर मारपीट की और उनके कपड़े फाड़ दिए. रविवार सुबह पंजाब के राज्यपाल के साथ बैठक के बाद बीजेपी नेता पार्टी के प्रदेश प्रमुख अश्विनी शर्मा के नेतृत्व में मुख्यमंत्री के आवास की ओर बढ़े. इस दौरान कुछ विधायकों ने विरोध के तौर पर अपनी कमीज भी उतार दी.
प्रदर्शनकारियों ने राज्य में कांग्रेस नीत सरकार के खिलाफ नारे लगाते हुए आरोप लगाया कि राज्य में कानून-व्यवस्था पूरी तरह चौपट है. शर्मा ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा, ‘‘ क्या विपक्षी पार्टी (भाजपा) को अपना विचार रखने का अधिकार नहीं है.’’ मुक्तसर की घटना का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘ बीजेपी की आवाज को दबाया नहीं जा सकता है. हमने कभी भी लोकतंत्र को इस तरह शर्मसार करते हुए नहीं देखा. अरुण नारंग की क्या गलती थी? वह राज्य सरकार की विफलताओं को उजागर करने वहां गए थे.’’बीजेपी नेता तीक्ष्ण सूद ने अमरिंदर सिंह से इस्तीफे की मांग की.
सूद ने कहा, ‘‘ बीजेपी नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है. राज्य में कहीं लोकतंत्र नहीं है. हम मुख्यमंत्री से यह कहने के लिए आए हैं कि वह राज्य चलाने में सक्षम नहीं हैं और उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए.’’
मुख्यमंत्री ने शनिवार को नारंग पर हुए हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा था कि राज्य में शांति भंग करने की कोशिश में लगे तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. पंजाब में बीजेपी नेता केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के गुस्से का सामना कर रहे हैं. इससे पहले भी प्रदर्शन कर रहे किसानों ने बीजेपी नेताओं के कार्यक्रमों को बाधित किया है.
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा- बंगाल के पहले चरण में 30 में 26 सीटें बीजेपी जीतेगी