दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के टर्मिनल-1 पर शुक्रवार (19 दिसंबर, 2025) को हुए एक यात्री और कैप्टन के झगड़े के मामले में कैप्टन विरेंद्र सेजवाल का वकील की तरफ से बयान सामने आया है.

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बयान के मुताबिक, कैप्टन विरेंद्र सेजवाल उस समय एक आम यात्री के तौर पर यात्रा कर रहे थे. वे किसी भी फ्लाइट ड्यूटी पर नहीं थे और इस घटना का उनके प्रोफेशन या नौकरी से कोई लेना-देना नहीं था. ये पूरी तरह दो यात्रियों के बीच का निजी मामला था, जिसे गलत रंग देकर पेश किया गया.

मामले को लेकर कैप्टन सेजवाल ने दी जानकारी

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कैप्टन सेजवाल के मुताबिक, सोशल मीडिया पर जो बातें फैलाई गई, वे एकतरफा और अधूरी सच्चाई पर आधारित थी. आरोप है कि दूसरे पक्ष ने चुनिंदा बातें सामने रखकर गलत कहानी बनाई और इसे बेवजह सनसनीखेज बनाया. बयान में ये भी कहा गया है कि इस दौरान कैप्टन सेजवाल के खिलाफ जातिसूचक टिप्पणियां की गई और उनके परिवार की महिला सदस्यों, यहां तक कि एक बच्चे को लेकर भी गंभीर धमकियां दी गई.

बताया गया कि विवाद की शुरुआत दूसरे यात्री की ओर से बिना किसी उकसावे के गाली-गलौज से हुई. कई बार रोकने के बावजूद वो अपमानजनक और धमकी भरी भाषा का इस्तेमाल करता रहा. बात बढ़ने पर हाथापाई की स्थिति बनी, जिसमें कैप्टन सेजवाल को भी चोटें आई. मौके पर मौजूद CISF के जवानों ने तुरंत हस्तक्षेप किया और स्थिति को संभालने की कोशिश की, लेकिन दूसरा यात्री उनके सामने भी शांत नहीं हुआ.

CISF अधिकारियों की मौजूदगी में सुलझा विवाद

आखिरकार ये मामला CISF अधिकारियों की मौजूदगी में वहीं सुलझा लिया गया. दोनों पक्षों ने अपनी मर्जी से लिखित बयान पर साइन कर ये कहा कि वे किसी तरह की कानूनी कार्रवाई नहीं करना चाहते है. बयान में साफ किया गया है कि इसमें किसी तरह का दबाव या जबरदस्ती नहीं थी. CISF ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साफ किया है कि दोनों पक्षों को शिकायत दर्ज कराने का विकल्प दिया गया था, लेकिन उन्होंने खुद ही मना कर दिया.

एकतरफा या भ्रामक जानकारी फैलाने से बचें लोग- कैप्टन सेजवाल

कैप्टन सेजवाल की तरफ भी कहा गया है कि इस निजी घटना को उनके प्रोफेशन से जोड़ना पूरी तरह गलत है. ऐसा करना सिर्फ सोशल मीडिया पर ध्यान खींचने की कोशिश लगती है, जबकि मामला पहले ही सुलझ चुका है. कैप्टन सेजवाल ने भरोसा जताया है कि संबंधित अधिकारी पूरे मामले को निष्पक्ष तरीके से देखेंगे. उन्होंने मीडिया और आम लोगों से अपील की है कि वे सिर्फ पक्के और सत्यापित तथ्यों पर ही भरोसा करें और एकतरफा या भ्रामक जानकारी फैलाने से बचें, ताकि किसी की छवि को नुकसान न पहुंचे.

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