नई दिल्ली: मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला कैबिनेट विस्तार महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव के बाद हो सकता है. सूत्रों के हवाले से ऐसी खबरें सामने आ रही हैं. इस संबंध में राजनीतिक गलियारे में भी चर्चा तेज है. सूत्रों की मानें तो कैबिनेट विस्तार होने की स्थिति में बीजेपी नेताओं के अलावा एनडीए के सहयोगी दलों को भी मौका मिल सकता है.
बता दें कि 30 मई को जब पीएम मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल की शपथ ली थी तब जेडीयू और अपना दल जैसी पार्टियों को मंत्रिमंडल में मौका नहीं मिला था. पश्चिम बंगाल में बीजेपी के शानदार प्रदर्शन के बावजूद राज्य से केवल दो मंत्री बनाए गए थे. इस कैबिनेट विस्तार में इन चीजों का ध्यान रखा जा सकता है. संभावना ये भी जताई जा रही है कि लोकसभा चुनाव में हारे का सामना करने वाले कुछ नेताओं को भी कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है. ऐसे चेहरे में मोदी सरकार-1 में दूरसंचार मंत्री रहे मनोज सिन्हा जैसे नेताओं का नाम आगे हैं.
अनेक मंत्री संभाल रहे एक अधिक विभाग की जिम्मेदारी
वर्तमान समय में सरकार के कई मंत्री एक से ज़्यादा विभागों की ज़िम्मेदारी सम्भाल रहे हैं. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के पास ग्रामीण विकास मंत्रालय की अतिरिक्त जिम्मेदारी है. प्रकाश जावड़ेकर के पास सूचना और प्रसारण मंत्रालय और वन और पर्यावरण मंत्रालय की जिम्मेदारी है जबकि कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के पास कानून, दूरसंचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय का ज़िम्मा है. रेल मंत्री पीयूष गोयल के पास वाणिज्य मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार है. पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान इस्पात मंत्रालय का भी काम देख रहे हैं. परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के पास भी दो मंत्रालयों की ज़िम्मेदारी है. इसी तरह कई राज्य मंत्रियों के पास भी एक से ज़्यादा मंत्रालयों का प्रभार है.
फिलहाल मंत्रिमंडल में 58 मंत्री हैं
मोदी सरकार के मंत्रिमंडल में इस समय 58 मंत्री हैं. इनमें पीएम मोदी के अलावा 24 कैबिनेट मंत्री, 9 स्वतंत्र प्रभार के राज्यमंत्री हैं. बाक़ी बचे राज्यमंत्रियों की संख्या 24 है. नियमों के मुताबिक़ केंद्र सरकार में 84 मंत्री हो सकते हैं. इसके मुताबिक अभी भी करीब 25 नए मंत्री बनाए जा सकते हैं. पिछली सरकार में मंत्रियों की संख्या 80 से ज़्यादा थी.
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