लखनऊ: राजधानी लखनऊ, कानपुर, बिजनौर, रामपुर और गोरखपुर समेत उत्तर प्रदेश के कई जिले पिछले दिनों हिंसा की चपेट में रहे. नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया और पुलिस से उलझे. इस दौरान कम से कम 15 लोगों की मौत हो गई, सैकड़ों पुलिसकर्मी भी घायल हुए. प्रदर्शन के दौरान पुलिस की कार्रवाई भी सवालों के घेरे में आई.
इन सब के बीच प्रदर्शन के दौरान संपत्ति का नुकसान पहुंचाने वाले कुछ लोगों की पहचान प्रशासन ने कर ली है और अन्य की पहचान के लिए छानबीन चल रही है. इसी पहचान के आधार पर प्रशासन ने संपत्ति नुकसान की भरपाई के लिए नोटिस भेजना शुरू कर दिया है.
प्रशासन ने यह कदम उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उस बयान के बाद उठाया है जिसमें उन्होंने कहा था कि हिंसा में शामिल लोगों को सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने के लिए भुगतान करना होगा. उन्होंने कहा था, "हम उनकी संपत्तियों को जब्त करेंगे क्योंकि कई चेहरों की वीडियो फुटेज के माध्यम से पहचान हुई है."
रामपुर में कार्रवाई
रामपुर में जिला प्रशासन ने अब तक 2 दर्जन से अधिक लोगों को नोटिस जारी किया है. जिला अधिकारी आंजनेय कुमार सिंह ने बताया कि पुलिस के द्वारा ऐसे लोगों को चिन्हित किया गया है. वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी के माध्यम से पहचाने गए और जिन लोगों को मौके से अरेस्ट किया गया है, साफ है कि उन लोगों ने पब्लिक प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाया है.
उन्होंने कहा, ''21 दिसंबर को उन सारे लोगों को चिन्हित करके उनका नाम पुलिस की तरफ से भेजा गया है. एक असेसमेंट भी भेजा गया है कि कितना नुकसान हुआ है तो इसके आधार पर जो उसके प्राधिकारी हैं एडीएम फाइनेंस उन्होंने इन 28 लोगों को नोटिस भेजा है.''
उन्होंने कहा, ''पुलिस द्वारा चिन्हित किया गया है और जो रकम भेजी गई है उसकी एप्लीकेशन के लिए भी संबंधित विभागों को नोटिस जारी किया गया है उनको जवाब का मौका दिया जाएगा और उसके बाद उन पर कार्रवाई की जाएगी ताकि उनसे उसकी रिकवरी कराई जा सके.'' पुलिस के दावों के मुताबिक प्रदर्शन के दौरान करीब 20 से 25 लाख रुपए का नुकसान हुआ है, इसकी भरपाई उपद्रवियों को करना होगा.
रामपुर पुलिस के कप्तान अजय पाल शर्मा ने बताया कि पोस्टर के माध्यम से जनता से अपील की है कि पोस्टर में शामिल लोगों को पहचान कर पुलिस का साथ दें ताकि दोषी दंगाइयों पर कार्रवाई की जा सके. 21 दिसंबर को सीएए के विरोध में रामपुर में हुए प्रदर्शन में जा रही भीड़ को पुलिस द्वारा रास्ते में रोके जाने पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई थी. पथराव, आगजनी और फायरिंग में एक व्यक्ति की भी मौत हो गई थी. जिसके बाद 4 मोटर साइकिलों और पुलिस की एक जीप को आग लगा दी गई थी.
बिजनौर में भी हिंसक प्रदर्शन के मामले में प्रशासन ने 43 उपद्रवियों को नोटिस जारी किया है. इन्हें निजी और सरकारी संपत्ति के नुकसान की भरपाई करनी होगी. 21 दिसंबर को बिजनौर के नगीना और नहटौर इलाके में हिंसा हुई थी.
कानपुर हिंसा को लेकर एसआईटी गठित संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के मामलों की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है. कानपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक मोहित अग्रवाल ने बताया कि एसआईटी का नेतृत्व अपर पुलिस अधीक्षक (अपराध शाखा) करेंगे. इसमें पांच पुलिस अधिकारी शामिल होंगे.
अग्रवाल ने बताया कि एसआईटी दोषियों का पता लगाने के लिए आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का प्रयोग करेगी क्योंकि दंगाइयों ने सोशल मीडिया और व्हाटसऐप का भरपूर इस्तेमाल किया था.
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