नई दिल्ली: दिल्ली में कड़ाके की ठंड के बीच सूरज भले ही न निकला हो लेकिन नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और एनआरसी का विरोध कर रहे जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्र रोज की तरह अब भी सड़कों पर धरना दे रहे हैं. दिल्ली-एनसीआर में इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही है. दिल्ली में आज 5 डिग्री सेल्सियस तापमान है.


छात्रों के बीच दिल्ली यूनिवर्सिटी अध्यापक संघ (डूटा) की पूर्व अध्यक्ष नंदिता नारायण ने अपने संबोधन में कहा, "सत्ता में बैठी सरकार की मानसिकता हर उस स्वर का दमन करने की है, जो उसके खिलाफ है या लोकतंत्र के समर्थन में है, लेकिन जामिया और अन्य विश्वविद्यालयों के जागरूक छात्रों के चलते ऐसा नहीं हो सकेगा." उन्होंने आमजन की प्रशंसा करते हुए कहा कि सीएए के खिलाफ शुरू हुए आंदोलन में पहली बार वे लोग भी शामिल हुए हैं, जिनका राजनीति से दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं है.


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ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन की अध्यक्ष कंवलप्रीत कौर ने कहा कि जो लोग देश के नागरिकों को उनके कपड़ों से पहचानते हैं और उनके खिलाफ हिंसा का समर्थन करते हैं, वे फासीवादी हैं. कौर ने कहा कि जामिया और अन्य विश्वविद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने व कड़ाके की ठंड में प्रदर्शन कर रही शाहीन बाग की जुझारू महिलाओं ने सीएए के खिलाफ जोरदार जवाब दिया है.


मध्यप्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री रहे रमाशंकर सिंह भी सोमवार को जामिया पहुंचे. उन्होंने कहा कि भारत का मुसलमान हमेशा से देश के पक्ष में था और भविष्य में भी रहेगा. उन्होंने सरकार की निंदा करते कहा कि जो लोग मुस्लिमों को देश से बाहर निकालने की बात करते हैं, उनका मुंहतोड़ जवाब उन्हें मिल रहा है. रमाशंकर ने आगे कहा कि जो जामिया आजादी के संघर्ष में देश के साथ था, उसे कोई भी ताकत ध्वस्त नहीं कर सकती.


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