Citizenship Amendment Act: अजमेर शरीफ दरगाह ने संशोधित नागरिकता अधिनियम (सीएए) को लेकर बड़ा बयान दिया. अजमेर शरीफ की ओर से शेख उल मशाइख दीवान सैयद जैनुल आबेदीन अली खान साहब ने कहा कि कुछ लोग लगातार सीएए के नाम पर मुसलमानों को डराने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसे लोगों को मेरा सुझाव है कि वो देश का कानून पढ़ें. हमारे देश में नागरिकता देने वाला कानून है, ना की छीनने वाला.


शेख उल मशाइख दीवान सैयद जैनुल आबेदीन अली खान साहब ने कहा, "मथुरा जैसे विवाद का हल अदालत के बाहर होना चाहिए. हमें कोशिश करनी चाहिए कि ऐसे विवादों का हल हम बातचीत के माध्यम से निकाल सकें. आज हमारा देश "वसुधैव कुटुंबकम" की सभ्यता, शांति की बात कर रहा है.''


उन्होंने आगे कहा, ''भारत विश्व शांति की दिशा में अपनी भूमिका निभा रहा है. ऐसे में हमें अपने आतंरिक मसलों को अदालत के अंदर नहीं, बल्कि बाहर ही बातचीत से सुलझाने के प्रयास करने चाहिए. हमारी कई पीढ़ियों ने कई धार्मिक विवादों का सामना किया, जिसमें अयोध्या प्रकरण प्रमुख रूप से शामिल है. हालांकि, अब कोर्ट के निर्णय के बाद इस पर विराम लग चुका है. भारत का हर मुसलमान सुलह पर यकीन रखता है.'' 


अजमेर शरीफ दरगाह के दीवान ने क्या कहा?
शेख उल मशाइख दीवान सैयद जैनुल आबेदीन अली खान साहब  ने आगे कहा, "हमें हर मसले को कोर्ट में ले जाने से बचना चाहिए. हमें मिल-जुलकर हर विषय को सुलझाने का प्रयास करना चाहिए. सीएए के जरिए कुछ लोग अपने सियासी फायदे के लिए मुस्लिमों को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है. सीएए से मुसलमानों का कोई लेना-देना नहीं है."


अजमेर शरीफ दरगाह के दीवान ने कहा, "सीएए के जरिए मुस्लिम समुदाय को गुमराह किया जा रहा है. इसके तहत मुसलमान की नागरिकता छीनने की बात कही गई थी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं है. "


ये भी पढ़ें- शरद पवार के बाद उद्धव ठाकरे से हुई राहुल गांधी की बात, महाराष्ट्र की 38 सीट पर बनी सहमति, 9 पर फंसा है पेच