कोरोना की दूसरी लहर के बीच प्रधानमंत्री मोदी के दूसरे कार्यकाल का दूसरा साल पूरा होना जा रहा है. इस वक्त कोरोना संकट के चलते सरकार के साथ-साथ आम लोगों की चुनौतियां बड़ी हैं. लोगों की अपेक्षाएं ज्यादा हैं. सी-वोटर की तरफ से एबीपी न्यूज़ के लिए किए गए सर्वे में पूछे गए कई सवालों में से एक सवाल यह था कि केन्द्र और राज्य सरकारों में से लोग आखिर किससे ज्यादा नाराज हैं. इसके जवाब में 17 फीसदी लोगों ने राज्य सरकार से अपनी नाराजगी बताई.
हालांकि, केन्द्र से नाराज रहने वालों की तादाद सर्वे में 24 फीसदी थी. जबकि 5 फीसदी ने स्थानीय की नाराजगी प्रशासन से थी. तो वहीं 54 फीसदी ने बताया कि वे इस बारे में कुछ नहीं बता सकते हैं.
आप किससे सबसे ज्यादा नाराज?स्थानीय प्रशासन = 5% राज्य सरकार = 17% केंद्र सरकार = 24% कह नहीं सकते = 54%
जब जनता से सर्वे के दौरान यह पूछा गया कि क्या दूसरी लहर में प्रधानमंत्री का प्रचार सही है. इसके जवाब में 34 फीसदी शहरी और 29 फीसदी ग्रामीण ने हां में जवाब दिया. 58 फीसदी शहरी और 61 फीसदी ग्रामीणों ने नहीं में जवाब दिया. जबकि 8 फीसदी शहरी और 10 फीसदी ग्रामीण ने कहा कि वे कुछ नहीं बता सकते हैं. यानी, शहरी और ग्रामीण दोनों को यह पसंद नहीं आया. दूसरी लहर के बावजूद प्रचार से जनता नाराज है.
जब लोगों से पूछा गया कि मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में लोगों की सबसे बड़ी नाराजगी क्या है? इसक जवाब में 44 फीसदी शहरी और 40 फीसदी ग्रामीण लोगों ने कहा कि कोरोना से निपटना. वहीं 20 फीसदी शहरी लोगों ने और 25 फीसदी ग्रामीण लोगों ने कहा कि कृषि कानून. 9-9 फीसदी शहरी और ग्रामीण लोगों ने कहा कि CAA पर दिल्ली दंगे. वहीं 10 फीसदी ग्रामीण और 7 फीसदी शहरी लोगों ने भारत-चीन सीमा विवाद को बताया. 20 फीसदी शहरी और 17 फीसदी ग्रामीण लोगों ने अन्य मुद्दों का जिक्र किया.
(ये स्नैप पोल 23 से 27 मई के बीच किया गया है. इस सर्वे में 12 हजार 70 लोगों से बात की गई है. सर्वे में मार्जिन ऑफ एरर प्लस माइनस 3 से प्लस माइनस 5 फीसदी तक है.)