Bypoll Results 2023: आगामी लोकसभा चुनाव से पहले 5 सितंबर को 6 राज्यों की 7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए थे, जिसकी मतगणना शुक्रवार (8 सितंबर) को हुई. 7 सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे घोषित हो गए हैं, इसमें 3 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने जीत हासिल की है, जबकि 4 सीटों पर इंडिया गठबंधन में शामिल पार्टियों के उम्मीदवारों को जीत मिली है.


चुनाव से पहले हर उम्मीदवार अपनी जीत का दावा कर रहा था. चुनाव परिणाम सामने आते ही उनके दावों की सच्चाई सामने आ गई. जहां मतदाताओं ने अपने पसंदीदा उम्मीदवार के लिए बंपर मतदान किया तो वहीं कुछ ऐसे प्रत्याशी भी रहे, जिनको जनता वोट नहीं दिया और उनको नोटा से भी कम वोट मिले.


इस सीट पर 3 उम्मीदवारों को नोटा से भी कम वोट
अगर बात करें झारखंड की डुमरी सीट की तो यहां से झारखंड मुक्ति मोर्चा की बेबी देवी ने जीत हासिल की है. वहीं ऑल इंडिया झारखंड स्टूडेंट यूनियन पार्टी की यशोदा देवी दूसरी नंबर पर रही हैं. यहां से निर्दलीय उम्मीदवार  नारायण गिरी को सबसे कम वोट मिले. उन्हें केवल 612 लोगों ने ही वोट दिया. हैरान करने वाली बात यह है कि डुमरी सीट पर गिरी समेत तीन प्रत्याशियों को नोटा से भी कम वोट मिले.


1 हजार का आंकड़ा भी नहीं छू सके 4 उम्मीदवार
केरल की पुथुपल्ली सीट पर कांग्रेस के चांडी ओमेन ने जीत हासिल की, जबकि कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के जैक सी थोमस दूसरे नंबर पर रहे है. इस सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार शाजी को सबसे कम वोट मिले. उन्हें केवल 63 लोगों ने ही अपना मत दिया. यहां से कुल 4 उम्मीदवार 1 हजार वोट हासिल नहीं कर सके. इनमें से 3 प्रत्याशियों को नोटा से भी कम वोट मिले.


बॉक्सानगर सीट पर किसे मिले सबसे कम वोट
त्रिपुरा के बॉक्सानगर सीट पर बीजेपी कैंडिडेट तजफ्फुल हुसैन ने सबसे ज्यादा मत हासिल किए. उन्होंने दूसरे नंबर पर रहे कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (एम) के मीजान हुसैन को हराया. बॉक्सानगर सीट निर्दलीय उम्मीदवार रतन हुसैन को महज 144 वोट ही मिले. यहां दो उम्मीदवार ऐसे रहे, जिन्हें जनता ने नोटा से भी कम वोट दिए.


धानपुर सीट से निर्दलीय उम्मीदवार को मिले सबसे कम वोट
वहीं, अगर बात करें धानपुर सीट की तो यहां भी बीजेपी ने जीत हासिल की और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (एम) दूसरे नंबर पर रही. यहां सबसे कम वोट निर्दलीय उम्मीदवार बप्पी देबनाथ को मिले. वह महज 426 वोट ही हासिल कर सके, उन्हें नोटा से भी कम वोट मिले.


घोसी में आम जनता पार्टी को सबसे कम वोट
उत्तर प्रदेश की घोसी विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी के सुधाकर सिंह ने जीत हासिल कर ली है. उन्होंने दारा सिंह चौहान को हराया. इस सीट पर आम जनता पार्टी (सोशलिस्ट) के राजकुमार चौहान सबसे फिसड्डी साबित हुए. वह केवल 464 वोट ही हासिल करने में सफल रहे. घोसी विधानसभा सीट पर 6 प्रत्याशियों को नोटा से भी कम वोट मिले.


उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी को सबसे मत मिले
उत्तराखंड से बीजेपी प्रत्याशी पार्वती दास ने कांग्रेस के बसंतकुमार को पटखनी दी है. यहां 6 प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतरे. बीजेपी और कांग्रेस के उम्मीदवारों को छोड़ दें तो कोई भी कैंडिडेट यहां से नोटा से ज्यादा वोट नहीं पा सका. सबसे कम वोट उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के भगवत कोहली को मिले, वह सिर्फ 268 वोट ही हासिल कर सके. 


धूपगुड़ी सीट पर स्वाभिमान पार्टी बुरा हाल
पश्चिम बंगाल की धूपगुड़ी सीट पर ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस के निर्मल चंद्र राय ने सबसे ज्यादा वोट हासिल किए. वहीं, बीजेपी उम्मीदवार तपासी रॉय दूसरे नंबर पर रहीं. यहां सबसे कम वोट स्वाभिमान पार्टी के रबिंद्रनाथ रॉय को मिले. उन्हें केवल 714 लोगों ने वोट किया. इस सीट पर तीन उम्मीदवारों को नोटा से भी कम वोट मिले. 


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