नई दिल्ली: 2019 के लोकसभा चुनाव में एक बड़ा मुद्दा बुलेट ट्रेन भी होगी. सरकार इसे एक बड़ी उपलब्धी बता रही है तो विपक्ष इससे जुड़ी लोगों की शिकायतों को उभारने में लगा है. मुझे लगा ये सही वक़्त है जब अहमदाबाद से मुम्बई तक की यात्रा करके देखा जाय कि शिलान्यास के एक साल बाद अब तक बुलेट ट्रेन का कितना ज़मीनी काम हुआ है. कहाँ बनेगा पहला स्टेशन
अहमदाबाद के साबरमती रेलवे स्टेशन के ठीक बगल में है वो स्थान जहां 14 सितम्बर 2017 को प्रधानमंत्री मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे ने बुलेट ट्रेन का शिलान्यास किया था. ठीक इसी जगह पर बुलेट ट्रेन का पहला स्टेशन बनेगा. ये कम्पाउण्ड 13 एकड़ में फैला है. यहाँ बुलेट ट्रेन का पहला अहमदाबाद स्टेशन बनाने के पीछे कारण ये है कि यहाँ से यात्रियों को चार तरह के आवागमन के साधन पैदल दूरी पर मिल जाएंगे जिससे उनका सफ़र आसान हो जाएगा.
चरखे जैसा दिखेगा साबरमती बुलेट स्टेशन
अहमदाबाद के साबरमती पावर हाउस चौराहे पर स्थित इस कम्पाउण्ड में बनने वाले बुलेट ट्रेन स्टेशन को साबरमती हब कहा जा सकता है क्योंकि यहाँ यात्रियों को कई तरह की सुविधाएं एक साथ मिलेंगी. दूर किसी ऊंची बिल्डिंग से देखने पे आपको ये एक चरखे के आकार में दिखाई देगा.
साभी पब्लिक ट्रान्स्पोर्ट से कनेक्टेड
इस साबरमती हब से एक ओर सटा हुआ साबरमती रेलवे स्टेशन है तो दूसरी ओर सौ कदम की दूरी पर बन रहा है मेट्रो रेल का स्टेशन. और मेट्रो स्टेशन के ठीक बगल में होगा गुजरात के तमाम शहरों को जोड़ने वाला इंटर स्टेट बस स्टेशन. यहाँ से एयरपोर्ट की दूरी भी महज दस किलोमीटर की है.
दो ऊँची बिल्डिंग
नेशनल हाई स्पीड रेल कारपोरेशन लिमिटेड के प्रवक्ता धनंजय ने बताया कि साबरमती हब में दो बिल्डिंगे बनेगी एक सात मंजिल की और एक नौ मंज़िल की. एक में होटल, रेस्टोरेंट, ज़रूरी सामान की दुकानें और मनोरंजन के साधन होंगे जबकि दूसरी बिल्डिंग में सिर्फ़ ऑफिस होंगे.
बुलेट ट्रेन की मुख्य बातें
अहमदाबाद से मुम्बई के बीच बुलेट ट्रेन प्रतिदिन 70 फेरे लगाएगी. 20 मीनट के अंतर पर ट्रेन मिलेगी. आगे की योजना है कि प्रति 8 मिनट में यात्रियों को ट्रेन मिल सके.बुलेट ट्रेन के बारह स्टेशन होंगे और सभी स्टेशन एक मल्टीमॉडल ट्रांजिट हब होगा यानी यातयात के हर साधन को स्टेशन से जोड़ा जायेगा. स्टेशन पर पहुचने के लिए बस, मेट्रो, ऑटो, रेलवे स्टेशन को जोड़ा जायेगा. ये हब शहर के बीचोबीच होंगे. बुलेट ट्रेन के चीफ प्रोजेक्ट मैनेजर प्रदीप अहीरकर ने बताया कि एक साल में बुलेट ट्रेन का रास्ता यानी ट्रैक लाईन तय कर ली गई है. कहाँ-कहाँ स्टेशन बनेगा ये तय हो गया है. क्या परेशानियां आएंगी और उसका उपाय क्या होगा ये भी तय कर लिया गया है.