BSF Jawans Train: बीएसएफ जवानों के लिए पुरानी ट्रेन उपलब्ध कराने पर रेल मंत्री ने कड़ा संज्ञान लिया है. इस मामले में अलीपुरद्वार मंडल के चार अधिकारी निलंबित किए गए हैं और जवानों के लिए अगल ट्रेन की व्यवस्था की गई है. इस मामले को लेकर एबीपी न्यूज के सवाल पर पहले ही रेल मंत्री ने जवाब दिया था.
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बीएसएफ जवानों को सेवा में लगाए जाने हेतु अनुपयुक्त/पुरानी ट्रेन उपलब्ध कराए जाने की घटना को गंभीरता से लिया है. इस मामले में लापरवाही बरतने वाले अलीपुरद्वार मंडल के चार अधिकारियों को आज तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.
किन अधिकारियों को किया गया सस्पेंड?
निलंबित अधिकारियों में अलीपुर कोचिंग डिपो के कोचिंग डिपो अधिकारी (Coaching Depot Officer) और अलीपुरद्वार मंडल के तीन वरिष्ठ अनुभाग अभियंता (Senior Section Engineers) शामिल हैं. रेल मंत्री ने यह स्पष्ट किया है कि सुरक्षा बलों की गरिमा और सुविधा सर्वोपरि है, इस प्रकार की लापरवाही किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
वहीं जवानों के लिए नई ट्रेन की व्यवस्था कर दी गई है. बीएसएफ जवानों के लिए अब अगरतला से एक विशेष ट्रेन (Special Train) चलाई जाएगी, जिसमें उनकी सुविधा और सम्मान का पूर्ण ध्यान रखा जाएगा. वहीं रेल मंत्रालय की ओर से इस पूरे प्रकरण की जांच के आदेश भी दे दिए गए हैं. सुनिश्चित किया जा रहा है कि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो.
बता दें कि एबीपी न्यूज से रेल मंत्री अश्विणी वैष्णव से इस मामले पर सवाल किया था. तब रेल मंत्री ने बताया कि इस मामले पर कल ही संज्ञान ले लिया गया था और ट्रेन बदल दी गई है. 4 दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करते हुए उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है.
जानें क्या है मामला?
दरअसल, अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा के लिए तैनात लगभग 1200 बीएसएफ जवानों को सोमवार (09 जून, 2025) को उदयपुर से जम्मू जाने वाली ट्रेन में जाना था लेकिन जवानों ने इस ट्रेन में जाने से इनकार कर दिया क्योंकि ट्रेन की हालत बेहद खराब थी. जो ट्रेन मुहैया कराई गई थी, उसकी हालत इतनी खराब थी कि जवानों ने उसमें यात्रा करने से मना कर दिया. इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें टूटी हुई खिड़कियां, कोई ऊपरी बर्थ नहीं, बल्कि बस एक टूटी फूटी ट्रेन दिखाई दे रही है.
बीएसएफ ने क्या कहा?
इस वीडियो ने भारत के सुरक्षा बलों के साथ किए जा रहे व्यवहार पर सोशल मीडिया पर एक नई बहस छेड़ दी. हालांकि बीएसएफ ने बाद में स्पष्ट किया कि रेलवे अधिकारियों के समक्ष चिंता व्यक्त की गई थी, लेकिन जवानों ने कोई हंगामा या अव्यवस्था नहीं फैलाई. इस मुद्दे को आधिकारिक बातचीत के जरिए सुलझाया गया, जिससे इसका तुरंत समाधान हो गया.
पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी के के शर्मा ने बताया कि वायरल वीडियो में दिख रहे कोच यात्रियों के लिए नहीं थे, बल्कि उन्हें रखरखाव या समय-समय पर ओवरहालिंग के लिए ट्रेन में जोड़ा गया था. इन कोचों को साफतौर से लिखा गया था कि ये यात्रियों के लिए नहीं हैं और इन्हें सर्विसिंग के लिए ले जाया जाना था.
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