‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद दुनिया में ब्रह्मोस की मांग बढ़ी, इंडोनेशिया डील के करीब, जानें एक मिसाइल बनाने में कितना आता है खर्च
BrahMos Missiles Cost: ब्रह्मोस मिसाइल सिस्टम भारत और रूस के संयुक्त सहयोग से विकसित हुआ. इसका पहला परीक्षण 12 जून 2001 को हुआ था.

पाकिस्तान में हुए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत की स्वदेशी ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ने जिस तरह सैन्य ठिकानों और आतंकवादी ठिकानों को सटीक निशाना बनाकर तबाह किया, उसके बाद इस मिसाइल की मांग तेजी से बढ़ रही है. दुनिया का सबसे बड़ा मुस्लिम देश इंडोनेशिया अब भारत से ब्रह्मोस खरीदने की डील लगभग फाइनल चरण में ले आया है. बुधवार को दो दिवसीय भारत यात्रा पर पहुंचे इंडोनेशिया के रक्षा मंत्री सजफ्री सजमसोएद्दीन के दौरे से इस संभावना को और मजबूती मिली है. वह भारत-इंडोनेशिया रक्षा मंत्रियों की तीसरी बैठक में शामिल हो रहे हैं.
इंडोनेशिया के साथ डील एडवांस स्टेज में
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ब्रह्मोस को लेकर भारत और इंडोनेशिया की बातचीत काफी आगे बढ़ चुकी है. रूस, जिसने भारत के साथ मिलकर यह मिसाइल विकसित की है, वह भी इंडोनेशिया को ब्रह्मोस बेचने को लेकर सहमत है. बताया जा रहा है कि ऑपरेशन सिंदूर में मिली सफलता के बाद कई देश भारत की इस मिसाइल को खरीदने में रुचि दिखा रहे हैं.
ऑपरेशन सिंदूर में कैसा रहा ब्रह्मोस का प्रदर्शन?
10 मई की सुबह पाकिस्तान पर किए गए सटीक सैन्य हमलों में ब्रह्मोस मिसाइल ही इस्तेमाल की गई थी. भारत ने पाकिस्तान के कई अहम एयरबेस- रफीकी, मुरीदके, नूर खान, रहिम यार खान, सुक्कुर और चूनियां को निशाना बनाया था. इसके अलावा बोलारी, स्कर्दू, जैकबाबाद और सरगोधा में भी भारी नुकसान होने की खबरें थीं. इस अटैक के बाद ब्रह्मोस की सटीकता और ताकत की दुनिया भर में चर्चा होने लगी.
ब्रह्मोस क्या है और कैसी है इसकी क्षमता?
ब्रह्मोस मिसाइल सिस्टम भारत और रूस के संयुक्त सहयोग से विकसित हुआ. इसका पहला परीक्षण 12 जून 2001 को हुआ था. यह मिसाइल आवाज से तीन गुना तेज, यानी मैक 3 की रफ्तार से उड़ सकती है और इसकी शुरुआती रेंज 290 किमी थी, लेकिन अब इसके एडवांस संस्करण 500 से 800 किमी तक मारक क्षमता रखते हैं. यह मिसाइल दुश्मन के रडार से बचते हुए बेहद कम ऊंचाई पर उड़ सकती है और एक बार लॉन्च होने के बाद खुद लक्ष्य खोजकर हमला कर सकती है.
कीमत कितनी है?
ब्रह्मोस प्रोजेक्ट की शुरुआती लागत लगभग 2,135 करोड़ रुपये थी, जिसमें भारत की हिस्सेदारी 50.5% और रूस की 49.5% है. CNBC आवाज की रिपोर्ट के अनुसार, एक ब्रह्मोस मिसाइल की कीमत लगभग 34 करोड़ रुपये है. पाकिस्तानी मुद्रा में यह रकम 1.12 अरब रुपये से भी ज्यादा होती है.
कौन-सी वर्जन सेवा में हैं और आगे क्या?
भारतीय सेना के पास फिलहाल दो मुख्य वर्जन हैं- ब्रह्मोस ब्लॉक-1, एयर-लॉन्च्ड ब्रह्मोस. भविष्य के लिए तीन और एडवांस वर्जन तैयार किए जा रहे हैं, जिनमें 1500 किमी रेंज वाला एक्सटेंडेड वर्जन, मैक 8 रफ्तार वाला हाइपरसोनिक मॉडल और हल्का, हर प्लेटफॉर्म से लॉन्च होने वाला नेक्स्ट-जेन वर्जन शामिल है.
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Source: IOCL






















