मुंबईः देश की सबसे अमीर महापालिका बीएमसी आगामी सत्र के लिए आज अपना बजट पेश करने वाली है. बीएमसी ने साल 2020-2021 में 33,441 का बजट पेश किया था. इस साल बजट 8 से 10 फीसदी तक बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है. दरअसल हर साल बजट में लगभग 8-10% की वृद्धि होती है. बीएमसी इस बार स्वस्थ, शिक्षा, पर्यटन, ट्रांसपोर्ट, शहर सौंदर्यकरण, कोस्टल रोड, जलभराव की समस्या, इत्यादि पर महत्वपूर्ण फैसला ले सकती है.


कोरोना संकट के अनुभव के आधार पर स्वास्थ्य बजट में 10 फीसदी की वृद्धि होने की उम्मीद जताई जा रही है. मुम्बई में 500 वर्ग फुट तक के घरों के कर्ज माफ को लेकर महापालिका से उम्मीदें जताई जा रही है. भूमिगत टैंक, अप-टू-डेट शिक्षा, तटीय सड़कों को इस बजट में शामिल किया जाएगा. तटीय सड़क, मीठी नदी पर्यटन और नगरपालिका स्कूलों को सीबीएसई-आईसीएसई बोर्ड के माध्यम से अप-टू-डेट शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करने की उम्मीद है.


बाढ़ राहत के लिए भूमिगत टैंक, मीठी नदी सौंदर्यीकरण बीएमसी की एक महत्वाकांक्षी परियोजना थी. लेकिन कोरोना के दस्तक देने से मार्च महीने में लॉक डाउन के सभी योजनाओं पर भी ताला लग गया था. इन्ही योजनाओं को पूरा करने का बीएमसी का होगा लक्ष्य.


कोस्टल रोड-शिवसेना की महत्वाकांक्षी परियोजना


2023 तक कोस्टल रोड प्रोजेक्ट पूरा हो जाने पर तटीय सड़क के लिए फिर से प्रावधान किया जाएगा. इसके अलावा, हर साल जल भराव की समस्या से जूझने वाली मुम्बई को इस समस्या से मुक्ति दिलाने के लिए कई कदम उठाए जांएगे. जैसे - सुरक्षित मुंबई के लिए वर्षा जल संचयन की क्षमता को दोगुना करने, मैनहोलों पर सुरक्षात्मक जाल लगाने इत्यादि.


मीठी नदी-नौका विहार का सौंदर्यीकरण, नदियों के पुनर्वास, बाढ़ के फाटकों के विस्तार और सड़कों पर गुणवत्ता वाले सीमेंट के प्रावधान की संभावना है.


'बेस्ट' के लिए वित्तीय सहायता


रेलवे के बाद बेस्ट मुंबई की दूसरी जीवन रेखा मानी जाती है. अब तक यह लगभग 2,500 करोड़ रुपये प्राप्त कर चुकी है ताकि इसे वित्तीय संकट से बाहर निकाला जा सके. अकेले इस वर्ष में 1,500 करोड़ प्रदान किए गए. इसलिए, उम्मीद है कि इस साल भी BEST को वित्तीय मजबूती देने में बड़ी मदद मिलेगी.


आपको बता दें कि पिछले वित्तीय वर्ष के कारण बीएमसी ने अभीतक अपेक्षित राजस्व का केवल 25 से 30 फीसदी ही एकत्र किया गया है. इसके अलावा, पिछले साल के बजट का केवल 48% दिसंबर तक खर्च किया गया है. कोरोना काल के चलते देश की सबसे अमीर महापालिका खुद आर्थिक संकट से झूझ रही है. इस आर्थिक संकट से लड़ने के और अपनी आय बढ़ाने के लिए बीएमसी नए विकल्प तलाश रही है.


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