Rakesh Tikait: भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने अपना गुस्सा केंद्र सरकार पर निकालते हुए कहा है कि सरकारों का काम होता है किसान आंदोलनों को तोड़ना और उसमें फूट डालकर कमजोर करना. दरअसल भारतीय किसान यूनियन अब दो फाड़ हो चुकी है. अब एक और नया संगठन बनकर तैयार खड़ा हो गया है भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक). राकेश टिकैत ने ट्वीट करके कहा कि किसान आंदोलनों में फूट डालकर उन्हें कमजोर करना सरकारों का काम होता है. हमारा धर्म है किसानों की आवाज को और बुलंद करना, उनके अधिकारों की रक्षा करना. आखिरी सांस तक किसानों के की लड़ाई जारी रहेगी.
दो धड़ों में बंटा किसान यूनियन
मालूम हो कि 15 मई को महेंद्र टिकैत की 11वीं पुण्यतिथि पर लखनऊ में भारतीय किसान यूनियन की बैठक हुई थी. इसी बैठक में किसान यूनियन के दो हिस्से हो गए और एक नया संगठन बनकर तैयार हुआ. इस नए संगठन के बनने से महेंद्र सिंह के बेटों को नुकसान हुआ है. नए संगठन के अध्यक्ष राजेश सिंह चौहान ने कहा था कि राकेश और नरेश टिकैत राजनीति से प्रेरित हैं लेकिन वो किसी राजनैतिक पार्टी से नहीं जुड़ेंगे. उन्होंने कहा कि वो महेंद्र सिंह टिकैत के दिखाए मार्ग पर ही चलेंगे और अपने सिद्धांतों के विरुद्ध कोई काम नहीं करेंगे.
राकेश और नरेश टिकैत से रहेगी लड़ाई
भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के अध्यक्ष राजेश सिंह चौहान ने कहा कि उनकी लड़ाई राकेश टिकैत और नरेश टिकैत से पहले से थी और अब भी जारी रहेगी. हमने पहले भी उनके राजनीति पार्टी से जुड़ने पर पहले भी विरोध किया था अभी भी करेंगे. किसान यूनियन का काम किसानों की लड़ाई लड़ना होता है राजनीति करना नहीं. दोनों भाइयों ने उनसे भी राजनीतिक पार्टी से जुड़ने के लिए कहा था लेकिन हमने ऐसा नहीं किया.
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