भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को एक बार फिर घेरा. उन्होंने शुक्रवार (3 अक्टूबर) को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राहुल पर देश विरोधी बयान देने का आरोप लगाया. सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि राहुल देश विरोधी शक्तियों के टूल बनते जा रहे हैं. उन्होंने इस दौरान केंद्र सरकार की उपलब्धियों का भी जिक्र किया. सुधांशु त्रिवेदी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का भी जिक्र किया.

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बीजेपी प्रवक्ता ने कहा, ''पिछले कुछ समय में देश ने दो दृश्य देखे. एक पिछले 100 वर्षों से देश के उत्थान के लिए हमेशा काम करने वाले संगठन आरएसएस के 100 वर्ष होना और उसको लेकर प्रधानमंत्री की तरफ से सिक्का जारी करना, जिस पर भारत माता का चित्र बना है. दूसरा अंग्रेज अफसर की तरफ से बनाई गई पार्टी और बाद में एक ही परिवार की पार्टी का पतन. अब उन्होंने देश विरोधी बयान दिया है. इससे दिखता है कि कौन भारत के हित में है और कौन देश विरोधी शक्तियों का जाने अनजाने में टूल बनता जा रहा है. राहुल गांधी लगातार देश विरोधी बयान देते आए हैं. ये उनके दिल के अंदर की नफरत की जुबानी साफ दिखाई पड़ती है.''

डिजिटल पेंटेट में भारत बहुत आगे - सुधांशु त्रिवेदी

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सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, ''कांग्रेस अध्यक्ष कोई भी रहा हो सत्ता गांधी परिवार के पास रही है. खरगे जी ने अभी कहा ही था कि हाईकमान तय करेगा. राहुल जी विदेश जाते हैं तो उनको ये क्यों नहीं दिखा कैंब्रिज यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट है कि डिजिटल पेटेंट में भारत बहुत आगे है. वर्ल्ड बैंक रिपोर्ट में असमानता पर बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में भारत में असमानता निचले स्तर पर है. विदेश के जाकर बोलने वाले राहुल को विदेश की ये बात क्यों नहीं दिखती.''

उन्होंने कहा, ''राहुल को ही विदेश की यूनिवर्सिटी क्यों बुलाती है. उनकी पार्टी में कई विद्वान है. मनीष तिवारी, जयराम रमेश, सैम पित्रोदा जैसे बहुत है. उनको ही क्यों बुलाते हैं. राहुल गांधी अभी कार और मोटरसाइकिल को लेकर ज्ञान दे रहे हैं. उसको सुनकर अभी कंपनियों ने अपना सिर पकड़ लिया होगा. ऐसे ज्ञान वाले व्यक्ति को क्यों बुलाया जा रहा है.''

राहुल भारत विरोधी शक्तियों के झंडाबरदार

सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, ''राहुल भारत विरोधी शक्तियों के झंडाबरदार बन चुके हैं उनसे खबरदार रहिए. बिहार को लेकर तमिलनाडु के मंत्री बोल ही चुके है, राज्यों को लड़ाना चाहते हैं. कोई पार्टी सत्ता की लालच में विदेशी मूल का नेतृत्व स्वीकार करने को राजी हो जाती है तो ये बड़ी भूल और शूल साबित हो जाती है. हाल ही में कुछ नेताओं ने प्रधानमंत्री को रावण कहा इस पर सुधांशु त्रिवेदी ने पलटवार करते हुए कहा कि राम भक्तों की हत्या और उसका समर्थन करने वाले, राम मंदिर ना जाने वाले और बाबर की कब्र पर तीन पीढ़ियों तक जाने वाले उसके लिए एक शब्द कहूंगा. ये कांग्रेस है या आलम ए बदहवासी जो कांग्रेस के नेता ये जान रहे है फिर भी नहीं बोल रहे है तो देश के साथ ठीक नहीं कर रहे.''

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