BJP On AK Antony Statement: केरल के राजनीतिक गलियारों में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ए.के. एंटनी की इस चेतावनी पर बहस छिड़ी हुई है कि ‘नर्म हिंदुत्व’ से दूरी बनाने के नाम पर हिंदुओं की उपेक्षा करने से केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नयी दिल्ली में सत्ता बनाए रखने में मदद मिलेगी. इसको लेकर बीजेपी ने उन पर निशाना साधा है. 


एंटनी पर निशाना साधते हुए बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष के. सुरेंद्रन ने आरोप लगाया कि बहुसंख्यकों को किसी और पार्टी ने उतना नुकसान नहीं पहुंचाया जितना कांग्रेस ने पहुंचाया है. एंटनी ने तिरुवनंतपुरम में कहा था, “अल्पसंख्यकों के साथ, बहुसंख्यक हिंदुओं को भी मोदी के खिलाफ (कांग्रेस की) लड़ाई में शामिल होना चाहिए. यह दृष्टिकोण (एक वर्ग का) है कि वे हिंदू मित्र जो मंदिरों में जाते हैं और माथे पर चंदन का लेप (तिलक) लगाते हैं वे नर्म हिंदुत्व की तरफ खड़े हैं, इससे मोदी को सत्ता बनाए रखने में मदद मिलेगी.”


कांग्रेस ने क्या कहा? 


एंटनी का पूरी तरह से समर्थन करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के. मुरलीधरन ने केरल की सत्तारूढ़ माकपा पर इस मुद्दे पर लोगों के बीच भ्रम पैदा करने का आरोप लगाया. उन्होंने बीजेपी और आरएसएस पर देश को विभाजित करने के प्रयास का आरोप लगाते हुए कहा कि उनमें हिंदू धर्म के परिकल्पित व्यापक विचारधारा का अभाव है.


केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष मुरलीधरन ने कहा, “हिंदू धर्म में 'नर्म हिंदुत्व' या 'चरम हिंदुत्व' नाम की कोई चीज नहीं है.” उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “लेकिन, उन्हें यह समझना चाहिए कि इंदिरा गांधी और राजीव गांधी भी मंदिरों में गए थे. इसलिए, इसे उसी अर्थ में देखा जाना चाहिए. इसकी गलत व्याख्या हिंदू धर्म को पूरी तरह बीजेपी को सौंपने के बराबर है.”


पार्टी में ही टकराव


राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता वी.डी. सतीसन ने भी एंटनी के बयान का दृढ़ता से समर्थन और बचाव किया, वहीं पार्टी सांसद राजमोहन उन्नीथन ने अपनी आपत्ति व्यक्त करते हुए कहा कि वह इस तरह के विचार से सहमत नहीं हो सकते. लोकसभा में कसारगोडा संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले उन्नीथन ने हालांकि इस बारे में और कुछ नहीं कहा.


भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने कांग्रेस पर अपनी राजनीतिक नीतियों में हमेशा एक नर्म हिंदुत्व दृष्टिकोण अपनाने का आरोप लगाया और दावा किया कि इस तरह के रुख से बीजेपी की बढ़त का विरोध करने में मदद नहीं मिलेगी.


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