कोलकाता: केंद्रीय मंत्री एम जे अकबर के खिलाफ लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद उनके इस्तीफे की मांग पर टिप्पणी करने से कैलाश विजयवर्गीय ने इंकार कर दिया है. भारतीय जनता पार्टी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि इस बारे में सरकार को निर्णय करना है. बीजेपी महासचिव ने कहा कि वह (अकबर) सरकार का हिस्सा हैं और इस बारे में सरकार ही निर्णय करेगी.

बीजेपी पदाधिकारियों के साथ बैठक करने आये विजयवर्गीय से अकबर के इस्तीफे के बारे में पूछा गया था. विभिन्न समाचार संस्थानों में संपादक पद पर रहते हुए अकबर पर कुछ महिला पत्रकारों के यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर कांग्रेस सहित कई विपक्षी दल मंत्रिमंडल से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं.

दुनिया भर में चर्चित 'मी टू' अभियान के बाद कुछ महिला पत्रकारों ने पूर्व संपादक और मौजूदा विदेश राज्य मंत्री अकबर के खिलाफ बतौर पत्रकार यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है.

स्मृति ईरानी ने भी अकबर के खिलाफ लगे आरोपों पर टिप्पणी से किया इंकार

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने अपने मंत्रिमंडल सहयोगी एम जे अकबर के खिलाफ लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों पर गुरुवार को कुछ कहने से इंकार कर दिया. किन्तु उन्होंने यह जरूर कहा कि उन महिलाओं के साथ इंसाफ होना चाहिए जो अपनी बात रख रही हैं. 'मी टू अभियान' के तेज होने पर कुछ महिला पत्रकार भी सामने आयीं और उन्होंने विदेश राज्यमंत्री एम जे अकबर पर दो अखबारों में उनके संपादक रहने के दौरान यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया.

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ईरानी ने कहा, ''मैंने इस खास मुद्दे पर बार बार कहा है कि विशेष तौर पर अपनी आपबीती सामने रख रही महिलाओं को किसी भी तरह शर्मिंदा नहीं होना चाहिए. उन्हें परेशान नहीं किया जाना चाहिए और उनका मजाक नहीं उड़ाया जाना चाहिए.'' ईरानी ने कहा कि महिलाएं उत्पीड़न का शिकार बनने नहीं बल्कि अपने सपने को साकार करने, सम्मानजनक जिंदगी जीने के लिए काम करने जाती हैं.

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