Rajya Sabha Zero Hour: राज्यसभा में मंगलवार (6 फरवरी) को ईशनिंदा कानून बनाए जाने और संविधान की प्रस्तावना में ‘अहिंसा’ शब्द जोड़े जाने की मांग की गई. वहीं, पशुओं के खिलाफ क्रूरता, विदेशों में भारतीय छात्रों के खिलाफ अपराध की घटनाओं और देश में भोजन की बर्बादी जैसे मुद्दों पर चिंता भी जताई गई.
राज्यसभा में उठी ईशनिंदा कानून बनाए जाने की मांग
शून्यकाल के दौरान बीजेपी के अशोक वाजपेयी ने देश में ईशनिंदा कानून बनाए जाने की मांग उठाई. उन्होंने कहा कि सौ से अधिक देशों में आस्था का अपमान करने वालों के लिए ईशनिंदा कानून है. उन्होंने कहा कि भारत में सवा सौ करोड़ हिन्दू हैं और वह उदारवादी और सहिष्णु होते हैं लेकिन आए दिन उनकी आस्था पर चोट की घटनाएं देखने को मिलती हैं.
वाजपेयी ने कहा कि ऐसी घटनाएं कई दफा सामने आई हैं जिनमें दूसरे धर्मावलंबी हिन्दू देवी-देवताओं के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करते हैं, लेख लिखते हैं और चित्र तक बनाते हैं, जिनसे हिन्दू समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचती है लेकिन उनके खिलाफ समुचित दंड का कोई प्रावधान नहीं है.
उन्होंने इसे अत्यंत गंभीर विषय बताया और इस क्रम में राजस्थान की एक घटना का भी उल्लेख किया. उन्होंने कहा, ‘‘मेरी अपील होगी कि देश में ईशनिंदा का कानून बने. धर्म, धर्म के प्रतीकों, धर्म के खिलाफ टिप्पणी, साहित्य या चित्र जैसी कार्रवाई के विरूद्ध कठोर कार्रवाई का प्रावधान हो.’’
पशुओं के खिलाफ क्रूरता पर चिंता
बीजू जनता दल (BJD) की सुलता देव ने पशुओं के खिलाफ होने वाली क्रूरता पर चिंता जताते हुए भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 377 को नई भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) में शामिल करने की मांग उठाई. उन्होंने पशुओं के खिलाफ क्रूरता और लैंगिक अत्याचार के कुछ मामलों का उल्लेख किया और कहा कि इस प्रकार की गतिविधियों में लिप्त पाए जाने वालों के खिलाफ कड़ी सजा का प्रावधान किया जाना चाहिए.
धारा 377 पशुओं की रक्षा से संबंधित है. 1860 से, आईपीसी की धारा 377 ने जानवरों के यौन शोषण को अपराध घोषित किया गया है. जानवरों को यौन शोषण से बचाने के लिए नए बीएनएस में कोई समानांतर कानून नहीं है.
संविधान की प्रस्तावना में ‘अहिंसा’ शब्द जोड़ने की मांग
बीजेडी के सस्मित पात्रा ने संविधान की प्रस्तावना में ‘अहिंसा’ शब्द को शामिल किए जाने की मांग उठाई. उन्होंने कहा कि ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कई अवसरों पर यह मांग उठाई है और राज्य विधानसभा ने इस मांग को लेकर सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया है.
'बिजली गिरने को प्राकृतिक आपदा घोषित किया जाए'
बीजेडी के ही मानस रंजन मंगराल ने बिजली गिरने से लोगों की मौत होने के मामले को उठाया और इसे प्राकृतिक आपदा घोषित करने की मांग की. उन्होंने कहा कि प्रति वर्ष बिजली गिरने की 2500 के करीब घटनाएं होती हैं और काफी संख्या में लोगों की मौत होती है. उन्होंने कहा कि अधिकतर मौतें ग्रामीण इलाकों में होती हैं. उन्होंने बताया कि चक्रवातीय आशंकाओं के कारण ओडिशा में ऐसी घटनाएं सबसे अधिक होती हैं. उन्होंने कहा कि इसे देखते हुए इस प्रकार की घटनाओं को प्राकृतिक आपदा घोषित किया जाए ताकि पीड़ित परिवारों को उचित मुआवजे का हक मिल सके.
ट्रेन सेवा आरंभ करने की मांग
ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) के एम थंबी दुरै ने पुड्डुचेरी और बेंगलुरु के बीच होशूर होते हुए ट्रेन सेवा आरंभ करने की मांग की. उन्होंने कहा कि यह परियोजना लंबे समय से अटकी हुई है जबकि इसका सर्वेक्षण का काम पूरा हो गया गया है और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट भी तैयार की जा चुकी है.
केसी वेणुगोपाल ने उठाया विदेशों में भारतीय छात्रों की हत्या का मुद्दा
कांग्रेस सदस्य केसी वेणुगोपाल ने विदेशों में भारतीय छात्रों की हत्या का मुद्दा उठाया और सरकार से यह जांच कराने की मांग की कि कहीं ऐसी घटनाओं के पीछे घृणा अपराध तो कारण नहीं है. उन्होंने विदेश मंत्रालय के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि 2018 से अब तक 400 से अधिक भारतीय छात्रों की विदेश में हत्याएं हुई हैं. उन्होंने कहा कि ऐसी सर्वाधिक घटनाएं कनाडा और ब्रिटेन में हुई हैं. इस पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि सरकार को ऐसे मामलों में कूटनीतिक स्तर पर सभी प्रकार के प्रयास करने चाहिए.
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने उठाया ये मुद्दा
कांग्रेस के दिग्विजय सिंह ने अनारक्षित वर्ग के बच्चों के लिए केंद्रीय सेवाओं में आरक्षण के लिए की गई व्यवस्था का स्वागत किया लेकिन साथ ही इसके लिए आवेदन करने वाले छात्रों के लिए शर्तों में छूट देने की मांग की. उन्होंने बताया कि संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं में आरक्षित वर्ग के छात्रों की प्रति सीट के मुकाबले अनारक्षित वर्ग के छात्रों की प्रति सीट के लिए आवेदन करने वाले छात्रों की संख्या बहुत कम है क्योंकि शर्तें ही ऐसी हैं कि छात्र इसे पूरा नहीं कर पाते हैं. उन्होंने ऐसे छात्रों को आयु और आय सहित अन्य शर्तों में छूट देने की मांग की.
कांग्रेस सांसद ने उठाया किसानों को मुआवजे का मुद्दा
कांग्रेस के राजमणि पटेल ने मध्य प्रदेश के रीवा, सिंगरौली और ललितपुर रेल खंड का निर्माण कार्य पूरा होने के बावजूद इस परियोजना के लिए जमीन देने वाले हजारों किसानों को करार के अनुसार मुआवजा न दिए जाने का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि करार के मुताबिक, जमीन देने वाले किसानों के परिवार के सदस्य को नौकरी देने का प्रावधान था लेकिन परियोजना पूर्ण हो जाने के बावजूद इसे पूरा नहीं किया गया.
उन्होंने कहा कि क्षेत्र के किसान इसके लिए आंदोलन भी कर रहे हैं लेकिन सरकार उसे कुचलने का काम कर रही है और आंदोलनकारियों पर मुकदमे किए जा रहे हैं. पटेल ने सरकार से मांग की कि वह करार के अनुरूप किसानों के परिवारों को नौकरी दे.
मान्यता प्राप्त पत्रकारों को मिले ये छूट- बीजेपी सांसद
बीजेपी की सीमा द्विवेदी ने मान्यता प्राप्त पत्रकारों को रेलवे में छूट की व्यवस्था बहाल करने और उनके लिए टोल टैक्स में छूट देने की मांग उठाई. उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के कारण रेलवे में छूट की व्यवस्था को पत्रकारों के लिए बंद कर दिया गया था, जिसे बहाल किया जाना आवश्यक है. उन्होंने सरकार से यह गुजारिश भी की कि पत्रकारों को कार्य के दौरान टोल टैक्स से भी राहत मिलना चाहिए.
भोजन की बर्बादी पर चिंता
बीजेपी के कैलाश सोनी ने डीप फेक के दुरुपयोग पर चिंता जताई और इसके लिए कड़े कानूनी प्रावधानों की मांग की. बीजेपी के ही पवित्र मार्गरेटा ने भोजन की बर्बादी पर चिंता जताते हुए कहा कि इसके लिए जागरूकता अभियान जरूरी है. उन्होंने कहा कि इसकी शुरुआत स्कूल स्तर से ही की जानी चाहिए ताकि बचपन से ही लोगों में भोजन की बर्बादी को लेकर जागरूता पैदा हो.
मस्जिद ढहाए जाने पर कांग्रेस सांसद ने जताई चिंता
इससे पहले सोमवार को कांग्रेस सांसद इमराम प्रतापगढ़ी ने 30 जनवरी को दिल्ली विकास प्राधिकरण की ओर से महरौली में ढहाई गई एक पुरानी मस्जिद के मुद्दे पर चिंता जताई थी. प्रतागढ़ी ने शून्यकाल के दौरान बोलते हुए कहा कि महरौली में अखूंदजी मस्जिद और दिल्लीभर में कई मजारों समेत पूजा स्थलों को ध्वस्त कर दिया गया है.
उन्होंने कहा कि एक ओर जहां सरकार 26 जनवरी को फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को निजामुद्दीन दरगाह ले गई, वहीं दूसरी ओर उसी सरकार के निर्देश पर मस्जिद और धर्मस्थलों को ध्वस्त कर दिया गया. उन्होंने कहा कि क्या विकास प्राधिकरण पूजा स्थल अधिनियम, 1991 का पालन नहीं करते हैं?” उन्होंने नई दिल्ली नगरपालिका परिषद के हाल ही में संसद के पास स्थित सुनहरी बाग मस्जिद को स्थानांतरित करने के प्रस्ताव पर भी चिंता जताई.
बीजेपी सांसद ने की पूजा स्थल अधिनियम को निरस्त करने की मांग
बाद में शून्यकाल के दौरान बीजेपी सांसद हरनाथ सिंह यादव ने पूजा स्थल अधिनियम, 1991 को निरस्त करने की अपील की और कहा कि यह संविधान में निहित धर्मनिरपेक्षता और समानता के सिद्धांतों के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि यह कानून विदेशी आक्रमणकारियों की ओर से ज्ञानवापी और श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर कब्जे को कानूनी शुचिता देता है. उन्होंने कहा, ''यह कानून असंवैधानिक है. राष्ट्रहित में मैं मांग करता हूं कि इस कानून को तुरंत रद्द किया जाए.''
(भाषा इनपुट के साथ)
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