नई दिल्लीः फेसबुक मुद्दे पर बीजेपी और कांग्रेस दोनों आमने सामने आ गए हैं. कांग्रेस के सांसद और इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी पर संसद की स्थायी समिति के चेयरमैन शशि थरूर के एक ट्वीट के बाद मामला गरमा गया है. नतीजा यह है कि बीजेपी के सांसद निशिकांत दुबे और पूर्व सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को पत्र लिखकर उन्हें समिति के चेयरमैन पद से हटाने का आग्रह किया है.


राहुल गांधी ने ट्वीट से गरमाया मुद्दा


दरअसल पूरा मामला अमेरिकी अखबार द वॉल स्ट्रीट जर्नल एक लेख से शुरू हुआ था, जिसमें सोशल मीडिया साइट फेसबुक पर सवाल खड़े करते हुए लिखा गया था की फेसबुक भारत में केंद्र सरकार को फायदा पहुंचा रहा है. इस लेख को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा था.


फेसबुक पर बीजेपी को समर्थन करने का आरोप


राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि भारत मे फेसबुक पर बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(आरएसएस) का कंट्रोल है. जिसके बाद शशि थरूर ने ट्वीट किया था और कहा था कि सूचना एवं प्रौद्योगिकी पर संसद की स्थायी समिति जरूर इन रिपोरर्ट्स के बारे में फेसबुक को सुनना चाहती है.


बीजेपी सांसद के निशाने पर शशि थरूर


शशि थरूर के इस ट्वीट के बाद बीजेपी नेताओं ने उन्हें निशाने पर ले लिया. बीजेपी सांसद और सूचना प्रौद्योगिकी पर संसद की स्थायी समिति के वरिष्ठ सदस्य निशिकांत दुबे ने जवाब देते हुए कहा कि जिस मामले में समिति में चर्चा ही नहीं हुई. उस पर राजनीति की जा रही है, साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि किसी प्राइवेट व्यक्ति को तलब करने का अधिकार सिर्फ स्पीकर को है.


चेयरमैन पद से हटाने की मांग 


उन्होंने शशिथरूर पर समिति की शक्तियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए स्पीकर ओम बिड़ला को पत्र लिखा कि शशिथरूर मेरी राजनैतिक पार्टी के खिलाफ दुष्प्रचार कर रहे हैं और समिति को गैरजिम्मेदारी के साथ चलाना चाहते हैं. इसलिए नियम 258(3) के तहत तत्काल शशिथरूर को समिति के चेयरमैन पद से हटा दिया जाए. पूर्व केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर ने भी पत्र लिखकर उन्हें चेयरमैन पद से हटाने की मांग की है.


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