Subramanian Swamy on Ram Setu: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी का राम मंदिर को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी पर हमला जारी है. इस बार स्वामी ने पीएम मोदी के उस बयान पर निशाना साधा है, जिसमें उन्होंने कहा है कि वह राम मंदिर के उद्घाटन को लेकर भावुक हैं और पहली बार इसे जता रहे हैं.


सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि, पीएम नरेंद्र मोदी अगर गंभीर हैं तो वह रामसेतु को नेशनल हेरिटेज मॉन्यूमेंट घोषित करें. यह केस 10 साल से लटका है. सुब्रमण्यम स्वामी ने इससे पहले राम मंदिर को लेकर मोदी को मिल रहे एकतरफा क्रेडिट पर भी प्रतिक्रिया दी थी.






क्या है रामसेतु


सुब्रमण्यम स्वामी रामसेतु को नेशनल हेरिटेज मॉन्यूमेंट घोषित करने की मांग लंबे समय से कर रहे हैं. उन्होंने इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर कर रखी है. रामसेतु तमिलनाडु के दक्षिण-पूर्वी तट से पांबन द्वीप और श्रीलंका के उत्तर-पश्चिमी तट से दूर मन्नार द्वीप के बीच चूने के पत्थरों की एक श्रृंखला है. इसे आदम का पुल भी कहा जाता है. सुब्रमण्यम स्वामी इस मुकदमे का पहला दौर जीत चुके हैं.


क्या होगा इसका फायदा


जब किसी जगह को राष्ट्रीय स्मारक घोषित किया जाता है, तो उसके बाद उसकी पूरी जिम्मेदारी केंद्र सरकार के जिम्मे आ जाती है. यही नहीं, उस स्मारक के आसपास कई तरह के प्रतिबंध भी केंद्र सरकार की तरफ से लगाए जाते हैं.


लगाया था राम मंदिर के फैसले में देरी कराने का आरोप


बता दें कि इससे पहले 11 जनवरी को सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा था कि "मोदी ने इस केस में देरी की कोशिश की थी. यह मामला तब सुप्रीम कोर्ट में निपटने ही वाला था. सरकार ने तब एक याचिका दाखिल की थी, जिसमें अयोध्या की सारी भूमि लौटाने के लिए कहा था. सर्वोच्च अदालत ने तब इसे नजरअंदाज किया था और फैसला दिया था, जिसके लिए उसे शुक्रिया कहना चाहिए. इसके लिए तब के सीजेआई गोगोई और चार अन्य जजों का भी धन्यवाद."


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