उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद कांग्रेस ने केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश की. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने बैठक में सदन के नेता जेपी नड्डा और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू के शामिल होने को लेकर सवाल उठाया था. इस मामले पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा की प्रतिक्रिया आ गई है. उन्होंने बैठक में शामिल न होने का कारण बताते हुए कहा कि संसदीय कार्यों में व्यस्त थे.
जेपी नड्डा ने एबीपी न्यूज से बात करते हुए कहा, ''किरेन रिजिजू और मैं उपराष्ट्रपति की बुलाई गई 4.30 बजे वाली बैठक में हिस्सा नहीं ले पाए, क्यों कि हम किसी अन्य महत्वपूर्ण संसदीय कार्य में व्यस्त हो गए थे. इसको लेकर माननीय उपराष्ट्रपति के दफ्तर को सूचना दे दी गई थी. इसके अलावा मैंने राज्य सभा में जो बात कही कि, जो मैं बोल रहा हूं, वही ऑन रिकॉर्ड जाएगा. यह विपक्ष की टोका-टोकी करने वाले सांसदों के लिए थी, न कि चेयर के लिए.''
क्या जेपी नड्डा से नाराज हो गए थे जगदीप धनखड़
दरअसल सदन की कार्यवाही के बीच 4.30 बजे बिजनेस एडवाइजरी कमेटी (BAC) की दूसरी मीटिंग हुई थी. इसमें सत्ता पक्ष की तरफ से सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री एल मुरुगन शामिल हुए थे. मुरुगन ने सभापति धनखड़ से मीटिंग को अगले दिन (मंगलवार) के लिए रिशेड्यूल करने का आग्रह किया था. इस मीटिंग में नड्डा और रिजिजू शामिल नहीं हुए. बताया जा रहा है कि इसको लेकर धनखड़ नाराज हुए थे. नड्डा ने इसी मामले पर अब प्रतिक्रिया दी है.
कांग्रेस सांसद का दावा, 'नड्डा ने किया चेयर का अपमान'
कांग्रेस सांसद सुखदेव भगत ने BAC मीटिंग में जेपी नड्डा और रिजिजू के शामिल न होने को लेकर सवाल उठाया था. एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को लेकर कहा कि इस्तीफे की पटकथा पहले ही लिखी जा चुकी थी. भगत ने कहा, ''सदन में जेपी नड्डा ने कहा था कि मेरे शब्द रिकॉर्ड में दर्ज होंगे, यह सीधे तौर पर चेयर का अपमान है.''