तृणमूल कांग्रेस के सांसद कीर्ति आजाद का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. इसमें सांसद आजाद संसद के अंदर सिगरेट पीते नजर आ रहे हैं. यह ई-सिगरेट बताई जा रही है. बीजेपी आईटी सेल के चीफ अमित मालवीय ने वीडियो शेयर कर लिखा है कि जिस टीएमसी सांसद पर बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने संसद के अंदर वेपिंग करने का आरोप लगाया है, वह कोई और नहीं बल्कि कीर्ति आजाद हैं.

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अमित मालवीय ने कहा कि उनके जैसे लोगों के लिए नियम और कानून साफ तौर पर कोई मायने नहीं रखते हैं. जरा सोचिए कितनी हिम्मत है कि सदन में रहते हुए हथेली में ई-सिगरेट छिपाकर रखी थी. हो सकता है कि ध्रूमपान करना गैरकानूनी न हो, लेकिन इसका इस्तेमाल करना बिल्कुल भी मंजूर नहीं है. ममता बनर्जी को अपने सांसद के इस गलत व्यहवहार पर सफाई देना चाहिए. 

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वीडियो में आजाद को लोकसभा के अंदर बैठे हुए दिखाया गया है और उन्होंने धूम्रपान करने जैसा इशारा किया - यानी, उन्होंने अपने दाहिने हाथ को मुंह के पास लाया और पांच सेकंड तक उसे मुंह में रखा. हालांकि, X चैनल पर प्रसारित क्लिप में न तो सिगरेट, न ही ई-सिगरेट और न ही कोई धुआं दिखाई दिया.

प्रदीप भंडारी ने भी शेयर किया वीडियो

इससे जुड़ा वीडियो बीजेपी प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने भी शेयर किया है. उन्होंने लिखा कि यह एक अपराध है. लोकतंत्र के मंदिर का अपमान है. ममता बनर्जी को जवाब देना चाहिए. उनके सांसद भारत के लोगों के सामने क्या उदाहरण पेश कर रहे हैं?  

अनुराग ठाकुर ने TMC के सांसद पर लगाया था आरोप

कुछ दिनों पहले अनुराग ठाकुर ने एक टीएमसी सांसद पर ई-सिगरेट पीने का आरोप लगाया था. उन्होंने चेयर से कहा था कि यह सदन को पता होना चाहिए कि देश में ई सिगरेट बैन है. मैं लोकसभा स्पीकर से पूछना चाहता हूं कि क्या उन्होंने सदन में ई-सिगरेट पीने की इजाजत दी है. एक टीएमसी सांसद कई दिनों से लोकसभा के अंदर ई-सिगरेट पी रहे हैं. 

'मैं कई सांसदों के नाम बता सकता हूं...'

इसके बात टीएमसी के कीर्ति आजाद ने कहा था कि वह सांसदों के नाम बता सकते हैं, जो परिसर में ध्रूमपान करते हैं. आजाद ने कहा था, मैं सैकड़ों सांसदों के नाम बता सकता हूं, जो परिसर में ध्रूमपान करते हैं, लेकिन मैं इस स्तर तक गिरना नहीं चाहता..क्या होगा अगर मैं कहूं कि एक बीजेपी सांसद MPLADS में 30-40% का कमीशन लेता है. जबतक मैं इसे साबित नहीं कर देता, तब तक यह नहीं है. मुझे पहले सदन के नियमों और प्रक्रियाओं से गुजरना होगा. जहां कोई भी आरोप लगाने से पहले आपको स्पीकर को सूचित करना होता है. 

दिल्ली के प्रदूषण पर ध्यान देना चाहिए: सौगत रॉय

टीएमसी के वरिष्ठ सांसद सौगत रॉय ने भी कहा था कि कोई आरोप नहीं है. सदन के अंदर सिगरेट पीना मना है, लेकिन सदन के बाहर खुली जगह में सिगरेट पीने पर कोई आपत्ति नहीं है. बीजेपी सरकार के दौरान दिल्ली में प्रदूषण अपने चरम पर है. उन्हें ऐसे आरोप लगाने के बजाय इसपर ध्यान देना चाहिए. 

2015 में सदन में धूम्रपान पर बैन लगा तो हुआ था हंगामा

दरअसल, संसद के अंदर ध्रूमपान को लेकर विवाद हुआ है, ऐसा पहली बार नहीं है. साल 2015 में सदन के अंदर ध्रूमपान पर बैन लगने के बाद हंगामा हुआ था. तब स्मोकिंग रूम को तृणमूल के ऑफिस में तब्दील कर दिया गया था. तब दोनों पक्षों के सांसदों ने तत्कालीन स्पीकर सुमित्रा महाजन से इस मामले में शिकायत की थी.