भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने तेलंगाना के गोशामहल विधानसभा क्षेत्र के विधायक टी. राजा सिंह के इस्तीफे को स्वीकार कर लिया है. भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने शुक्रवार (11 जुलाई, 2025) को इस संबंध में एक पत्र जारी कर इसकी सूचना दी.

पत्र में भाजपा महासचिव अरुण सिंह ने टी. राजा सिंह को संबोधित करते हुए कहा, “उनके इस्तीफे में दी गई सामग्री अप्रासंगिक है और पार्टी के कार्य, विचारधारा और सिद्धांतों के अनुरूप नहीं है." उन्होंने आगे कहा, “भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा के निर्देश पर टी. राजा सिंह का इस्तीफा तत्काल प्रभाव से स्वीकार किया जाता है.”

टी. राजा सिंह के इस्तीफे के कारण का नहीं किया आधिकारिक खुलासा

यह कदम भारतीय जनता पार्टी के भीतर उन नेताओं के बयानों और कार्यों को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच उठाया गया है, जिन्होंने विवादों और सार्वजनिक आलोचनाओं को आकर्षित किया है. हालांकि, टी. राजा सिंह के इस्तीफे के विशिष्ट कारणों का आधिकारिक तौर पर खुलासा नहीं किया गया, लेकिन पार्टी का यह रुख इंगित करता है कि वह उन विचारों से दूरी बनाना चाहती है, जो उसकी मूल विचारधारा को प्रतिबिंबित नहीं करते हैं.

टी. राजा सिंह, जो अपनी उग्र छवि के लिए जाने जाते हैं, अक्सर सार्वजनिक और राजनीतिक बहसों के केंद्र में रहे हैं. पार्टी से उनका बाहर होना भाजपा के अनुशासन और एकजुट वैचारिक रुख को बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाता है.

पार्टी से इस्तीफा देने के बाद टी. राजा सिंह ने जारी किया था बयान

हाल के घटनाक्रमों के अनुसार, टी. राजा सिंह ने इस्तीफे के बाद एक बयान जारी कर कहा कि वह अपने समर्थकों के साथ विचार-विमर्श के बाद भविष्य की रणनीति तय करेंगे. उन्होंने दावा किया कि उनके विचार जनता के हित में हैं और वह अपने सिद्धांतों पर अडिग रहेंगे. दूसरी ओर, बीजेपी ने स्पष्ट किया कि वह आगामी तेलंगाना विधानसभा चुनावों से पहले अपनी छवि को और मजबूत करने के लिए संगठनात्मक अनुशासन पर ध्यान दे रही है.

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम भारतीय जनता पार्टी की रणनीति का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य आगामी चुनावों से पहले संगठनात्मक सिद्धांतों को मजबूत करना और पार्टी के भीतर एकरूपता बनाए रखना है. इस घटना से तेलंगाना की राजनीति में नई चर्चाओं को बल मिला है.

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