Tamil Nadu Helicopter Crash: बुधवार सुबह तमिलनाडु के कुन्नूर में वायुसेना का एक हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया, जिसमें देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत 13 लोगों की मौत हो गई है. हेलिकॉप्टर में 14 लोग सवार थे, जिसमें से सिर्फ ग्रुप कैप्टन वरुन सिंह ही जीवित हैं. उनका इलाज चल रहा है. लेकिन यह पहली बार नहीं है जब बिपिन रावत विमान हादसे का शिकार हुए. इससे पहले 2015 में वह हेलिकॉप्टर क्रैश में बाल-बाल बचे थे. 


नागालैंड के दीमापुर में हुआ था हादसा


यह घटना 3 फरवरी 2015 की है. तब बिपिन रावत लेफ्टिनेंट जनरल के पद पर थे. जब यह हादसा हुआ था तब बिपिन रावत सेना की नागालैंड के दिमापुर स्थित 3-कोर के हेडक्वार्टर के प्रमुख थे. दिमापुर से रावत अपने चीता हेलिकॉप्टर में सवार होकर निकले, लेकिन कुछ ऊंचाई पर उनके विमान का नियंत्रण खो गया और हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया. हालांकि, उस वक्त उन्होंने मौत को मात दे दी थी. 


उस वक्त सेना ने अपने बयान में कहा था कि हेलिकॉप्टर के जमीन से कुछ मीटर की ऊंचाई पर जाने के बाद उसका इंजन फेल हो गया था. लेकिन इस क्रैश में किसी की जान को कोई नुकसान नहीं पहुंचा था. वायुसेना ने इस घटना की उच्चस्तरीय जांच करवाई थी. 


बुधवार को दिल्ली से तमिलनाडु गए थे रावत


बता दें कि एक स्पेशल एयरक्राफ्ट के ज़रिए बुधवार सुबह करीब 9 बजे जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी समेत नौ लोग दिल्ली से रवाना हुए थे और करीब 11 बजकर 35 मिनट पर एयरफोर्स स्टेशन सुलूर पहुंचे थे. उसके बाद उन्होंने आगे के सफर के लिए वायुसेना के हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल किया. करीब 11 बजकर 45 मिनट पर दिल्ली से आए 9 लोग और पांच क्रू के सदस्य यानी कुल 14 लोग एयरफोर्स स्टेशन सुलूर से वेलिंगटन आर्मी कैंप के लिए हेलिकॉप्टर में बैठकर रवाना हुए. लेकिन वेलिंगटन आर्मी कैंप से करीब 16 किलोमीटर पहले ही हादसा हो गया. इसमें 14 में से 13 लोगों की मौत हो गई.