बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और पहली ड्राफ्ट लिस्ट भी 1 अगस्त को जारी कर दी गई. ड्राफ्ट लिस्ट को लेकर एक अर्जेंट आईए दाखिल कर सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि लिस्ट में 65 लाख लोगों का नाम नहीं है और ये कौन लोग हैं, इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है.
सीनियर एडवोकेट प्रशांत भूषण ने जस्टिस सूर्यकांत की बेंच के सामने आईए रखा. प्रशांत भूषण ने कहा, '65 लाख लोगों के नाम ड्राफ्ट लिस्ट में न होने की बात कही जा रही है, लेकिन यह लोग कौन हैं, उसका ब्यौरा नहीं दिया जा रहा है. सिर्फ कहा गया कि 32 लाख लोग पलायन कर गए हैं, बाकी के बारे में कोई जानकारी नहीं दी. पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता का अभाव है.'
बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा कि ये बताना चाहिए कि इन 65 लाख लोगों में से कौन पलायन कर गए हैं और कौन अब जीवित नहीं हैं. जाहिर है कि BLOs ने बताया होगा कि किसको लिस्ट में रखना है और किसको नहीं. प्रशांत भूषण ने कहा कि दो निर्वाचन क्षेत्रों के लिए यह लिस्ट जारी की गई है, लेकिन बाकी के क्षेत्रों का क्या. उन्होंने कहा कि वह दो आईए के जरिए ये सभी जानकारी उपलब्ध करवाने की मांग करते हैं.
प्रशांत भूषण ने कोर्ट को बताया कि उनकी जानकारी के हिसाब से 75 प्रतिशत लोग 11 दस्तावेजों में से एक भी पेश नहीं कर सके. अब उनमें से कुछ का कहना है कि बीएलओ ने लिस्ट में उन्हें शामिल करने की सिफारिश की थी, लेकिन उन्होंने नहीं की. जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि एसओपी के अनुसार सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को जानकारी उपलब्ध करवाई जानी है.
इस दौरान मौजूद चुनाव आयोग के वकील ने कहा कि उन्होंने हर क्षेत्र की सारी जानकारी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को उपलब्ध करवाई है. कोर्ट ने कहा कि आयोग अपने लिखित जवाब में बताएं कि किन पार्टियों के प्रतिनिधियों को यह जानकारी दी गई है और 12 अगस्त को सभी पहलुओं पर विचार किया जाएगा.
प्रशांत भूषण का यह भी कहना है कि जिन लोगों के फॉर्म्स सब्मिट किए गए हैं, उनमें से ज्यादातर ने इनमें से कोई फॉर्म नहीं दिया है. जस्टिस सूर्यकांत ने इस पर कहा कि हम सुनिश्चित करेंगे कि हर प्रभावित मतदाता को आवश्यक जानकारी मिले. शनिवार तक अपना जवाब दाखिल करें और तब तक मिस्टर भूषण को उसे देखने दें. तब हम देख पाएंगे कि क्या पता चला है और क्या नहीं. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई का भरोसा दिया है. कोर्ट पहले ही कह चुका है कि 12-13 अगस्त को SIR से जुड़ी सभी याचिकाएं सुनवाई के लिए लगेंगी.
(निपुण सहगल के इनपुट के साथ)