पटनाआरजेडी और जेडीयू में झगड़ा तो कई दिनों से चल रहा था, लेकिन कल 3 घंटे के अंदर बिहार की पूरी की पूरी राजनीति की चाल ही बदल गई. जो चार साल पहले दुश्मन बने थो वो फिर दोस्त हो गए और जो डेढ़ साल पहले दोस्त बने थे वो फिर से दुश्मन बन गए.


लालू परिवार पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों और खासकर उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर लगे आरोपों से नीतीश कुमार बेहद परेशान थे. तेजस्वी के मुद्दे पर नीतीश की ओर से कई बार सफाई मांगी गई, लेकिन न तो आरजेडी ने सफाई दी और न तेजस्वी ने इस्तीफा दिया. लेकिन बुधवार को नीतीश ने आर-पार का फैसला कर लिया था. बुधवार को आरजेडी विधायकों की बैठक में तेजस्वी के इस्तीफे की मांग को खारिज कर दिया गया था.


शाम 5 बजकर 30 मिनट


शाम साढ़े 5 बजे नीतीश ने अपने विधायकों के साथ बैठक की. बैठक में नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को अपना फैसला सुना दिया कि वो मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने जा रहे हैं. इसके बाद नीतीश कुमार शाम 6 बजे पटना में राजभवन पहुंचे और राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी को अपना इस्तीफा सौंपा, जिसे राज्यपाल ने तुरंत मंजूर कर लिया.


शाम 6 बजकर 45 मिनट


नीतीश ने महागठबंधन तोड़ने के लिए लालू यादव को जिम्मेदार ठहराया. नीतीश कुमार ने कहा, ”हमने अपने स्तर पर पूरी कोशिश की. हमने किसी का इस्तीफा नहीं मांगा. लालू जी और तेजस्वी यादव से मांग की जो भी आरोप लग रहे हैं उन पर सफाई दीजिए. मैंने ये बात कही थी लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. ऐसी परिस्थिति बन गयी कि काम करना मुश्किल हो गया. कई बार सोचने के बाद मेरा फैसला मेरे अंतरात्मा की आवाज है.”


40 मिनट बाद बाद पीएम मोदी ने दी बधाई


नीतीश के इस्तीफे के ऐलान के 40 मिनट बाद बाद पीएम मोदी ने नीतीश कुमार को इस्तीफे की बधाई का ट्वीट कर दिया. पीएम मोदी ने लिखा, ‘’भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ लड़ाई में जुड़ने के लिए नीतीश कुमार जी को बहुत-बहुत बधाई. सवा सौ करोड़ नागरिक ईमानदारी का स्वागत और समर्थन कर रहे हैं.’’


पीएम मोदी के इस ट्वीट को समर्थन का संकेत माना गया. पीएम मोदी के ट्वीट के 10 मिनट के अंदर ही बिहार बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी ने नीतीश कुमार को समर्थन का संकेत दे दिया.


शाम 7 बजकर 50 मिनट


इस बीच लालू प्रसाद यादव शायद इस बात को भांप गए थे कि नीतीश कुमार ने महागठबंधन से अलग होने का तय कर लिया है. शाम 7 बजकर 50 मिनट पर लालू प्रसाद यादव मीडिया के सामने आए और नीतीश कुमार पर चल रहे हत्या के केस का मुद्दा उठाकर नीतीश को ही घेर लिया.


लालू प्रसाद यादव ने कहा, ‘’नीतीश कुमार को मालूम है कि उनके ऊपर मर्डर का केस है. देश के एक सीएम पर इतना गंभीर आरोप है जिसका संज्ञान लिया जा चुका है. नीतीश कुमार पर 302 और 307 का मुकदमा है. यह मामला 1991 का है. 31 अगस्त 2009 को लोअर कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लिया है. नीतीश कुमार ने अपने एमएलसी के शपथपत्र में भी इस मामले का जिक्र किया. भ्रष्टाचार से भी बड़ा मामला अत्याचार का होता है.”


इसके बाद भी लालू नीतीश पर ट्विटर वार कर रहे थे. लालू ने लिखा, ‘’बिहार के ग़रीब,वंचित और आरक्षण समर्थित वर्गों ने महागठबंधन को बीजेपी के ख़िलाफ़ ऐतिहासिक बहुमत दिया था. महागठबंधन की भ्रूणहत्या की जा रही है.’’


रात 9 बजे नीतीश ने पीएम मोदी का धन्यवाद किया


लालू प्रसाद यादव के बयान के करीब एक घंटे बाद रात 9 बजे नीतीश कुमार ने पीएम मोदी को उनके ट्वीट के लिए धन्यवाद देकर अपनी मंशा जाहिर कर दी. नीतीश ने लिखा, ‘’हमने जो निर्णय लिया उसपर माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ट्वीट के द्वारा दी गई प्रतिक्रिया के लिए उन्हें तहेदिल से धन्यवाद.’’


रात 9 बजकर 45 मिनट


पीएम मोदी को धन्यवाद देने वाले इस ट्वीट को समर्थन का जवाब माना गया और फिर क्या था रात 9 बजकर 45 मिनट पर सुशील मोदी ने औपचारिक तौर पर नीतीश को समर्थन का एलान कर दिया.


सुशील कुमार मोदी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस्तीफे का स्वागत करते हुए कहा, ‘’बीजेपी किसी भी हाल में बिहार में मध्यावधि चुनाव के पक्ष में नहीं है.’’ उन्होंने कहा, ‘’नीतीश कुमार अपनी छवि के अनुरूप भ्रष्टाचार को लेकर नहीं झुके. बीजेपी उनके इस कदम का स्वागत करती है.’’


इसके बाद कुछ ही देर बाद बीजेपी विधायक अपने समर्थन की चिट्ठी लेकर राजभवन पहुंच गए उसके बाद सीधे नीतीश के घर जा पहुंचे. यानी शाम को पौने सात से रात पौने 10 बजे के बीच तीन घंटे ने चार साल पुरानी दुश्मनी को दोबारा दोस्ती में बदल दिया और 20 महीने पुरानी दोस्ती को दोबारा दुश्मनी में तब्दील कर दिया.